नवादा में सामूहिक आत्मह’त्या के बाद मृ’तकों के श’वों को कंधा भी नसीब नहीं हो सका. एक साथ परिवार के छह सदस्यों को कंधा देने वाला भी कोई नहीं बचा. मृ’तक केदार का एकमात्र जीवित बड़ा बेटा अमित दिल्ली से गुरुवार की रात अपनी बहन गुंजा के साथ नवादा पहुंचा. लिहाजा श’वों को एक वैन से मुक्तिधाम ले जाया गया.परिवार के अन्य सदस्यों, समाजसेवियों की मदद से पुलिस श’वों को श्म’शान घाट तक ले गई. जहां एक साथ परिवार के छहों श’वों का अंतिम सं’स्कार किया गया. परिवार के दिवंगत छह सदस्यों की चि’ता एक साथ सजाई गई. यह दृश्य काफी दिल दह’लाने वाला था. लोग इसे देख भावुक हो जा रहे थे. मृ’तक केदार के बड़े बेटे अमित ने एक-एक कर छहों श’वों को मुखा’ग्नि दी.
पांच सदस्यों की चि’ता सजते ही आ गई छठी मौ’त की खबर
बुधवार की देर रात परिवार के पांच सदस्यों की मौ’त हो चुकी थी. छठी सदस्य साक्षी का इलाज पावापुरी विम्स में चल रहा था. इस बीच पांच मृ’तकों की चिता सजा दी गई. अंतिम सं’स्कार की तैयारी थी. तभी साक्षी की भी मौ’त की खबर आ गई.
लिहाजा पांचों का दा’ह सं’स्कार रोक दिया गया. फिर परिवार के छठे सदस्य का श’व आने पर नवादा के बिहारी घाट पर उसकी भी चि’ता साथ में सजाई गई. दा’ह सं’स्कार से पहले सदर अस्पताल में छहों शवों का पोस्टमार्टम किया गया. बारी बारी से श’वों का पोस्टमार्टम किया गया. इस दौरान सदर अस्पताल में लोगों की भीड़ जुटी रही. हर कोई इस घ’टना से स्तब्ध रह गए.
जानकारी के अनुसार, मृ’तक घर के मुखिया केदार लाल गुप्ता शहर के विजय बाजार में फल का दुकान चलाते थे. कर्ज से तंग आकर शहर की कृषि फार्म की मजार के पास जाकर सभी ने जहर खा लिया जिसके कारण सभी की मौ’त हो गई.
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