दिवाली और धनतेरस त्योहार जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है, ठीक वैसे-वैसे ही बाजार भी ग्राहकों से गुलजार दिख रहे हैं. पटना के बाजारों में विशेष रूप से पीतल निर्मित बर्तनों की खास डिमांड है.
बता दें कि सभी पर्व में पीतल के बने बर्तनों की जरूरत होती है, दीपावली व धनतेरस में इसका महत्व अधिक होता है. लिहाजा पीतल निर्मित बर्तनों का बाजार सज गया है. धनतेरस के लिए बाजारों में लोग खरीदी भी कर रहे हैं।
बर्तनों की कीमत में 25 से 30 फीसदी की हुई वृद्धि
बता दें कि धनतेरस के लिए दुकानदारों ने विभिन्न आकार व प्रकार के पीतल के बर्तनों का स्टॉक फुल कर रखा है. बीते साल से इस वर्ष पीतल के बर्तन की कीमत में 25 से 30 फीसदी की वृद्धि हुई है. इन बर्तनों का आवक दिल्ली, मुरादाबाद और मुंबई से होता है. साथ ही विशेषकर त्योहारों पर मिट्टी के दिये और बर्तन के उपयोग की परंपरा रही है, लेकिन एक बार उपयोग के बाद दुबारा पूजन में उसका उपयोग नहीं हो पाने तथा कीमत में लगातार हो रही वृद्धि को देखते हुए पीतल के बर्तन का चलन बढ़ गया है.
बाजार में किस दाम में मिल रहे बर्तन
बता दें कि दिवाली और धनतेरस के लिए बाजार पीतल के बर्तनों से सज गए है. बाजार में उपलब्ध बर्तनों में पूजा की थाल 35 से 1250 रुपये तक, घंटी 85-750 रुपए, दउरा 1500-5000 रुपये, कलश 650-4500 रुपये तक का है. दीप 20-2400 रुपये, बाल्टी 600-3500 रुपये, परात, 600-3500 रुपये, धूप दानी 165-1250 रुपये दर पर उपलब्ध है. पतीला 500-3000 रुपये, कठौती 400-2500 रुपये, छोलनी 300-1000, करछुल 300-1000, झांझ 300-1000 तक का है. सिंहासन 100-4000 रुपये, हाथी 750-15000 रुपये, अगरदान 24-750 रुपये, पंचदीप 165-1250 रुपये, आम का पल्लव 45-150 रुपये तक उपलब्ध है. वहीं लक्ष्मी-गणेश भगवान की मुर्ति 450-5500 रुपये तक का है.
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