बिहार की गोपालगंज विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव में साधु यादव आरजेडी और बीजेपी का खेल बिगाड़ेंगे। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने गोपालगंज विधानसभा क्षेत्र से पूर्व सांसद और लालू प्रसाद के साले साधु यादव की पत्नी इंदिरा यादव को अपना उम्मीदवार बनाया है।
प्रदेश बसपा के कार्यालय सचिव गौतम खरवार ने बताया कि राष्ट्रीय अध्यक्ष कुमारी मायावती ने पार्टी द्वारा गोपालगंज विधानसभा उप चुनाव लड़ने का फैसला किया गया है। बता दें कि साल 2020 में हुए विधानसभा आम चुनाव में गोपालगंज से बसपा के टिकट पर लड़े साधु यादव लगभग 42,000 वोट लाकर दूसरे स्थान पर रहे थे।
गोपालगंज सीट पूर्व मंत्री एवं बीजेपी नेता सुभाष सिंह के निधन के बाद खाली हुई थी। यहां से बीजेपी ने उनकी पत्नी कुसुम देवी को यहां से टिकट दिया है। वहीं, महागठबंधन की ओर से आरजेडी इस सीट पर उपचुनाव लड़ेगी। आरजेडी ने गोपालगंज से मोहन प्रसाद गुप्ता को उम्मीदवार बनाया है। पिछली बार गोपालगंज विधानसभा सीट से कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार उतारा था। लेकिन इस बार यह सीट आरजेडी कोटे में चली गई है। इसके अलावा मोकामा सीट से भी आरजेडी ही चुनाव लड़ेगी।
गोपालगंज में त्रिकोणीय मुकाबले के आसार
साधु यादव की पत्नी इंदिरा यादव को बसपा से टिकट मिलने के बाद गोपालगंज में त्रिकोणीय मुकाबले के आसार नजर आ रहे हैं। पिछले चुनाव में यहां बीजेपी के उम्मीदवार सुभाष सिंह ने जीत दर्ज की थी और दूसरे नंबर पर साधु यादव रहे थे। वहीं, महागठबंधन की ओर से कांग्रेस उम्मीदवार आसिफ गफूर तीसरे नंबर पर रहे। इस बार साधु यादव यहां से अपनी पत्नी को चुनाव लड़वा रहे हैं।
गोपालगंज सीट वैसे तो बीजेपी का गढ़ माना जाता रहा है। पिछले चार चुनावों में सुभाष सिंह ही यहां से जीत रहे थे। अब उनकी पत्नी मैदान में हैं। उन्हें सहानुभूति लहर का फायदा मिलेगा। दूसरी ओर, महागठबंधन की ओर से आरजेडी उम्मीदवार मोहनप्रसाद की क्षेत्र में अच्छी पैठ है। वे वैश्य समाज से आते हैं जो बीजेपी का कोर वोटबैंक है। इसके अलावा मोहन प्रसाद की यादव और अल्पसंख्यक समुदाय में भी पकड़ है। जेडीयू, कांग्रेस समेत अन्य पार्टियों को भी उनके समर्थन का फायदा मिलेगा।
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