केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की बिहार के पूर्णिया में शुक्रवार को होने वाली रैली में सीमांचल के कुछ नेता पाला बदल सकते हैं। बिहार में सत्ता से बाहर होने के बाद बीजेपी का राज्य में पहला बड़ा कार्यक्रम होने जा रहा है। अमित शाह ने इसकी जगह मुस्लिम बाहुल्य इलाके सीमांचल को चुनी है। इस क्षेत्र को तेजस्वी यादव की पार्टी आरजेडी और असदुद्दीन ओवैसी की AIMIM का गढ़ माना जाता है। शाह सीमांचल दौरे में बड़ा खेला कर सकते हैं।
अमित शाह की शुक्रवार को पूर्णिया के रंगभूमि मैदान में रैली होनी है। इसमें सीमांचल के चारों जिलों के अलावा आसपास के अन्य इलाकों से बीजेपी के करीब डेढ़ से दो लाख कार्यकर्ता शामिल होंगे। सीएम नीतीश कुमार के पाला बदलने के बाद 2024 के चुनाव में बीजेपी ने बिहार की 40 में से 35 सीटों पर जीत का लक्ष्य रखा है। ऐसे में इस रैली को अहम माना जा रहा है।
महागठबंधन के कुछ नेता बीजेपी में हो सकते हैं शामिल
स्थानीय स्तर पर चर्चा है कि सीमांचल में महागठबंधन के कुछ नेता पाला बदल सकते हैं। वे अमित शाह की रैली में बीजेपी का दामन थाम सकते हैं। हालांकि अभी तक किसी नेता का नाम सामने नहीं आया है। बीजेपी नेता जोर-शोर से महागठबंधन में सेंध लगाने में जुटे हुए हैं। केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय, गिरिराज सिंह, बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष संजय जायसवाल, पूर्व मंत्री मंगल पांडेय समेत अन्य वरिष्ठ नेता सीमांचल के अलग-अलग इलाकों में डेरा डाले हुए हैं।
तेजस्वी-ओवैसी का गढ़ है सीमांचल
नेपाल और पश्चिम बंगाल की सीमा के पास स्थित बिहार के सीमांचल क्षेत्र में चार जिले पूर्णिया, किशनगंज, अररिया और कटिहार आते हैं। ये चारों मुस्लिम बाहुल्य जिले हैं। इसे तेजस्वी यादव की पार्टी आरजेडी का गढ़ माना जाता रहा है। पिछले चुनाव में असदुद्दीन ओवैसी ने भी इस क्षेत्र में अपनी पैठ जमाई और पांच विधानसभा सीटें जीतकर सबको चौंका दिया था। अब बीजेपी की नजर आगामी लोकसभा चुनाव के दौरान इस क्षेत्र में विशाल जीत दर्ज करने पर टिकी हुई है।
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