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पितृपक्ष मेला 2022: पितरों की याद में पिंडदानियों ने गयाधाम में लगाए पौधे

पितरों के महापर्व पितृपक्ष में गयाधाम पिंडदानियों से पटा है। अलग-अलग प्रातों से आए पिंडदानी पितरों के लिए पिंडदान कर रहे हैं। इन्हीं में कुछ पिंडदानियों ने पूर्वजों की याद में गयाधाम में पौधे लगाए। ब्रह्मयोनि पहाड़ी की तलहट्टी में करीब 15 से अधिक अलग-अलग राज्यों के पिंडदानियों से 20 से अधिक पौधे लगाए।

पितरों की याद में पिंडदानियों ने गयाधाम में लगाए पौधे

किसी ने अपने पिता, तो किसी ने अपने दादा तो किसी ने अपनी मां और बहन की याद में पौधे लगाए गए। अपनों के साथ ही पर्यावरण के प्रति कर्तव्य निभाते हुए आस्था और उत्साह के साथ तीर्थयात्रियों ब्रह्मयोनि की शृंखला स्मृति उद्यान में पौधे लगाए।

किसी ने दादा तो किसी ने मां और बहन की याद में लगाए पौधे

मोक्षधाम में त्रिपाक्षिक गयाश्राद्ध कर रहे उड़ीसा के शंकर लाल सौंदर्य ने अपने दादा और नाना की याद में ब्रह्मयोनि के स्मृति उद्यान में दो पौधे लगाए। 17 दिनी कर्मकांड कर रहे हैदराबाद के घीसा लाल ने अपने पिता की याद में पौधे लगाए। स्व. हरिराम खंडेलवाल नागौर राजस्थान की स्मृति में उनके परिवार ने पौधरोपण किया।

राजस्थान से आए पिंडदानी कमल किशोर खंडेलवाल ने अपने पिता की याद में पौधे लगाए। राजस्थान के हनुमान प्रसाद जी और उड़ीसा के अनिल जी ने अपने पितर की याद में पौधे लगाए। हमारा पेड़ हमारा पर्यावरण परिवार के अशोक सिंह व अजय साव ने बताया कि पिंडदानियों द्वारा लगाए गए पौधे पितरों के प्रति आस्था का वर्षों तक गवाह बने रहेंगे।

दूसरों के लिए बनेंगे प्रेरणा, पर्यावरण के प्रति बढ़ी जागरूकता

पिंडदानियों का पौधे लगाए ने पहले हमारा पेड़ हमारा पर्यावरण परिवार के सदस्यों ने माला और अंग वस्त्र देकर स्वागत किया। नीलम पासवान, राकेश तिवारी, धर्मेंद्र शर्मा, सोनू, रामप्रवेश, जितेंद्र, पबन,रविंदर सिन्हा, अजय साव, मुकद्देब, सत्येंद्र, अशोक सिंह,राजकुमार शर्मा, बाबू भाई, महेश पासवान, लखन जी, सुनीता यादव, मंजू, रीता देवी,सबिता किरण, प्रतिभा व प्रियंका आदि ने पिंडदानियों को तिलक लगाए, माला पहनाया और अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया। अशोक सिंह ने कहा कि पिंडदानियों के लगाए पौधे दूसरों के लिए प्रेरणा बनेंगे। गया और हरा भरा बनाने के अन्य पिंडदानियों के साथ ही गया के लोगों के बीच भी पर्यावरण का संदेश जाएगा। पौधे लगाने के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ेगी।

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