गया जिले के डुमरिया प्रखंड कार्यालय में लाभुक से 20 हजार रुपए की रि’श्वत लेते हुए विजिलेंस की टीम ने आवास सहायक मनीष रंजन को रंगे’हाथों पकड़ा है। रि’श्वत लेते हुए पकड़े गए आवास सहायक मनीष रंजन को निगरानी की टीम अपने साथ पटना ले गई है।
विजिलेंस की इस कार्रवाई से पूरे ब्लाक र्कायालय में सनसनी मची है। कोई भी इस मामले में कुछ भी बोलने से दूर भाग रहा है। बताया जा रहा है कि मनीष रंजन लंबे समय से आवास योजना की आड़ में मोटी रकम रिश्वत में ले रहे थे।
दरअसल मंझौली के रहने वाले सुशील चौधरी ने बीते दिनों आवास सहायक के विरुद्ध निगरानी कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई थी। निगरानी ने अपने स्तर से सुशील की शिकायत की जांच की तो मामला सही पाया गया। सुशील अपनी पत्नी के नाम पर आवास योजना के तहत घर बनवा रहा था। दूसरी किस्त जारी करने के लिए मनीष रंजन सुशील पर 20 हजार रुपये की रिश्वत का दवाब बनाए हुआ था। इस बात को लेकर बीते एक महीने से दोनों के बीच बातचीत चल रही थी। लेकिन मनीष रंजन 20 हजार रुपये पर अड़ा हुआ था।
मंगलवार की दोपहर करीब 11 बजे डुमरिया प्रखंड कार्यालय पहुंची। लेकिन उस समय मनीष रंजन अपने दफ्तर में नहीं थे। कुछ देर इंतजार करने के बाद मनीष रंजन दफ्तर पहुंचे। विजिलेंस की ओर से तय प्लान के तहत सुशील चौधरी रुपये लेकर विजिलेंस के आदिमयों के साथ मनीष रंजन के कक्ष में पहुंचा और बातचीत के दौरान ही 20 हजार रुपये मनीष रंजन को सौंप दिए। रुपये लेते ही सुशील के साथ में मौजूद विजिलेंस के सदस्यों ने मनीष रंजन को दबोच लिया। और तेजी के साथ घसटीते हुए बाहर खड़ी विजिलेंस की गाड़ी में बिठा कर निकल गए। यह सारा खेल 5 मिनट से भी कम समय हो गया।
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