बिहार के एक और लाल ने कमाल किया है. पटना के बोरिंग रोड इलाके के रहने वाले 18 वर्षीय अमरजीत कुमार को बेंगलुरु के अटरिया विश्वविद्यालय से इंजीनियरिंग में स्नातक की पढ़ाई लिए 35 लाख रुपये की पूरी छात्रवृत्ति मिली है.
खास बात ये है कि 35 लाख की स्कॉलरशिप पाने वाले इस मेधावी युवा की मां दूसरों के घरों में बाई का काम करती है. अमरजीत का परिवार गरीबी रेखा से नीचे श्रेणी में आता है और वह अपने परिवार से कॉलेज जाने वाले पहले सदस्य होंगे.
अमरजीत की मां अरुणा देवी पटना में दूसरों के घरों में झाड़ू-पोछा और बर्तन धोने का काम करती हैं. अमरजीत के पिता दिहाड़ी मजदूर थे और वर्ष 2017 में उनका देहांत हो गया था तब से मां ने घर का बोझ उठा लिया. अमरजीत को प्राप्त 35 लाख रुपये की पूरी छात्रवृत्ति चार वर्षों के लिए उनके पढाई एवं रहने के पूरे खर्च को कवर करेगी. इससे वो ट्यूशन, बोर्डिंग और लॉजिंग, किताबें और आपूर्ति आदि में खर्च कर सकेंगे. अमरजीत कुमार पटना के बोरिंग रोड की गली में एक झोपड़ी में किराए पर रहते हैं।
अमरजीत ने कहा कि मैं कभी सोच भी नहीं सकता था कि मुझे पढ़ाई के लिए 35 लाख रुपए की छात्रवृत्ति मिलेगी. इतने बेहतर कॉलेज में पढ़ाई कर पाऊंगा यह मेरे और मेरी मां के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण पल है.
आपको बता दें कि जब अमरजीत 5 साल के थे तब उनकी मां ने डेक्सटरिटी ग्लोबल के संस्थापक शरद सागर के यहां काम करना शुरू किया था. उन्हीं की मदद से पढ़ाई की डेक्सटीरिटी ग्लोबल के करियर डेवलपमेंट प्रोग्राम डेक्सटीरिटी कॉलेज के नेतृत्व में और कैरियर विकास प्रशिक्षण प्राप्त किया.
पिछले महीने ही डेक्सटीरिटी ग्लोबल संगठन चर्चा में आया क्योंकि भारत से पहले महादलित छात्र प्रेम कुमार को 2.5 करोड़ की छात्रवृत्ति पर अमेरिका के एक प्रसिद्ध विश्वविद्यालय में पढ़ाई के लिए उन्हें चुना गया. वह भी अपने परिवार के पहले सदस्य बने जो कॉलेज गए.
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