सीवान के भगवानपुर हाट प्रखंड के रामपुर लौवां राजकीय प्राथमिक विद्यालय ने सरकार के दावों की पोल खोल रही। इस विद्यालय में भवन नहीं होने के कारण विद्यार्थियों को खुले में पेड़ के नीचे बैठकर पढ़ाई करना पड़ रहा। लेकिन विभागीय अधिकारी आंखें मूंद कर बैठे हैं।
बताते चलें कि वर्ष 1972 में राजकीय प्राथमिक विद्यालय रामपुर लौवां का स्वीकृत हुआ था। इस विद्यालय में भवन निर्माण के लिए सरकारी भूमि आवंटित कराई गई थी। लेकिन जब भवन निर्माण के लिए विभाग की तरफ से करीब 11 लाख रुपए पास हुए तो विद्यालय की भूमि ही नहीं बची थी।
विद्यालय के शिक्षक सुनील कुमार मिश्रा तथा प्रभारी प्रधानाध्यापक रामाशंकर यादव बताते हैं कि विद्यालय की जो भूमि है उसे स्थानीय कुछ लोगों के द्वारा अतिक्रमण कर लिया गया है। कुछ भूमि के हिस्सों पर छठ माता की प्रतिमा स्थापित कर दी गई है। जिसकी वजह से उनके विद्यालय का भवन निर्माण नहीं हो पा रहा है। ऐसे में विद्यार्थियों को मात्र एक मध्यान भोजन के लिए बनाए गए रसोई में ही बरसात के दिनों में जैसे तैसे कर काम चलाना पड़ता है।
विद्यार्थियों के बीमार होने की आशंका
विद्यालय में फिलहाल 70 बच्चे पढ़ाई कर रहे है। अभिभावकों का कहना है कि इन दिनों सर्दी शुरू हो गई है। ऐसे में बच्चों को खुले आसमान के नीचे बैठाकर पढ़ाई कराने से बीमार होने का भी अंदेशा बना रहता है। वहीं शैक्षिक कार्य भी प्रभावित हो रहा है। इसके अलावा विद्यालय प्रशासन को रिकार्ड रखने, पोषाहार पकाने एवं अन्य शैक्षिक कार्यों के लिए भी खासी परेशानी झेलनी पड़ रही है, लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है।
क्या कहते हैं अधिकारी
इस मामले में प्रभारी जिला शिक्षा पदाधिकारी पूनम कुमारी से जब जानकारी मांगी गई तो उन्होंने कहा कि वहां कुछ गांव की आपसी भूमि संबंधित समस्या है। भूमि आवंटित करा दी जाती है तो भवन निर्माण के लिए पैसा पास हो जाएंगे।
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