बिहार के सिवान से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। जहां अस्पताल में सिवान जेल की एक बंदी की इलाज के दौरान मौ’त हो गई। इस बात की जानकारी मिलते ही उसके परिजन अस्पताल पहुंचे और जमकर हंगा’मा मचाया। साथ ही रोड जाम कर प्रद’र्शन भी किया।
मृ’तक के परिजनों का आरोप है कि जेल प्रशासन ने उनके बेटे का इलाज अच्छे से नहीं कराया। साथ ही कहा कि जेल में अक्सर उसकी पिटाई की जाती थी। वहीं जेल सूत्रों का कहना है कि मृतक शराब के काफी ज्यादा सेवन करता था। जेल आकर नहीं पी सकता तो उसकी तबीयत खराब हो गई। जिसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती करा दिया गया।
मृतक बंदी को बीते 13 जुलाई को श’राब पीने के आरो’प में वाल्मीकि या’दव को गिर’फ्तार किया था। जिसे गिरफ्तारी के बाद जेल भेज दिया गया। जेल प्रशासन के सूत्रों का कहना है कि वाल्मिकी यादव का शराब का लती था। जेल में आते ही उसकी तबी’यत बिगड़ गई। 15 जुलाई को उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया।
जिसके बाद ठीक होने पर फिर जेल वापस भेज दिया गया। 17 जुलाई को बाल्मीकि की फिर तबीयत बिगड़ गई। शाम में उसे अस्पताल में इलाज के बाद जेल वापस भेजा गया। अस्पताल में भर्ती होने के बाद उसकी देर रात तबीयत बिगड़ गई। अस्पताल में भर्ती कराया गया तो रात करीब ढाई बजे उसकी मौत हो गई।
दूसरी ओर, जब बंदी के परिजनों को उसकी मौत की खबर दी गई तो सुनकर परिजनों के होश उड़ गए। आनन-फानन वे अस्पताल पहुंचे और जमकर हंगामा किया।
बंदी के परिवार का आरोप है कि जेल प्रशासन ने उनके बेटे की पिटाई की जिस वजह से उसकी हालत बिगड़ गई और मौत हो गई। नाराज परिजनों ने अस्पताल रोड को भी जाम कर प्रदर्शन किया। पुलिस ने आकर सभी को समझाया और रास्ता खुलवाया।
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