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केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह का जनसंख्या पर वार : जनसंख्या नियंत्रण कानून लाकर 9-10 बच्चे पैदा करने वालों पर लगाई जाए अंकुश

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने एक बार फिर विश्व जनसंख्या दिवस पर अल्पसंख्यकों पर हम’ला बोला है। अपने सोशल मीडिया पर बयान जारी करते हुए भाजपा के फायर ब्रांड नेता ने साफ कहा कि जब तक सबके लिए सामान कानून नहीं बनेंगे तब तक भारत विकसित नहीं होगा।

Giriraj Singh's ministry in Narendra modi cabinet । गिरिराज सिंह ने ली  मंत्री पद की शपथ, पिछली सरकार में भी थे मंत्री - India TV Hindi News

उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा है कि बढ़ती आबादी भारत के संसाधनों, सामाजिक समरसता और विकास को दीमक की तरह खा रही है। जरूरत है ऐसे जनसंख्या नियंत्रण कानून की जो सभी धर्मों पर समान रूप से लागू हो और 8-8/10-10 बच्चे पैदा करने वाली विकृत मानसिकता पर भी अंकुश लगे।

गिरिराज सिंह ने सोशल मीडिया पर बयान जारी करते हुए कहा कि आज पूरी दुनिया विश्व जनसंख्या दिवस सतर्कता दिवस के तौर पर मना रहा है। भारत के अंदर सुरसा की तरह जनसंख्या की गति बढ़ रही है। अगर भारत की चीन से तुलना की जाए तो 1978 में कानून बना तब हमारा जीडीपी भी चीन से ज्यादा था और जनसंख्या में चीन हमसे अधिक था।

आज चीन 1 मिनट में 10 बच्चे पैदा करता है और भारत 30 बच्चे पैदा करता है। यह गति कड़े कानून से ही रुक सकता है। सभी धर्मों के लिए समान कानून हो तभी यह गति रुक सकता है। यदि यह नहीं रुका तो भारत विश्व के विकास की रफ्तार में पीछे रह जाएगा।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हमारा संसाधन सीमित है और इस सीमित संसाधन में सुरसा रूपी बढ़ती आबादी हमें पीछे धकेल रहा है। हम प्रतिदिन ऑस्ट्रेलिया और इजराइल एक साथ पैदा कर रहे हैं। प्रतिदिन दो करोड़ से ऊपर बच्चे पैदा हो रहे हैं। गिरिराज सिंह ने कहा कि आज शपथ लें कि इसे राजनीति के चश्मे से ना देखें और कड़े कानून के लिए संसद से लेकर सड़क तक आवाज उठाएं।

यह पहली बार नहीं है जब गिरिराज सिंह ने अल्पसंख्यकों के ऊपर इस तरह का बयान दिया है। इससे पहले भी जनसंख्या नियंत्रण को लेकर कानून बनाने की बात वह कहते रहे हैं।

गिरिराज सिंह का मानना यह है जनसंख्या नियंत्रण कानून बनने के बाद जो समुदाय 10-12 बच्चे पैदा करते हैं उस पर अंकुश लगेगा और जनसंख्या नियंत्रण होगा। हालांकि इस बात से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कभी इत्तेफाक नहीं रखते हैं। उन्होंने कई दफा यह कहा है जनसंख्या नियंत्रण तभी हो सकता है जब लड़कियों को पढ़ाया जाए। बिहार ने लड़कियों को पढ़ाकर जनसंख्या पर नियंत्रण पाना शुरू कर दिया है।

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