अमरावती के केमिस्ट उमेश कोल्हे की ह’त्या मामले में नया खुलासा सामने आया है। मिली जानकारी के मुताबिक, कोल्हे के म’र्डर का पहला प्रयास 20 जून यानी कि वा’रदात को अंजाम देने के एक दिन पहले भी हुआ था। 21 जून को दो लोगों ने उमेश कोल्हे का ग’ला का’टकर उस वक्त ह’त्या कर दी जब वह अपनी मेडिकल शॉप से मोटलसाइकिल पर लौट रहे थे।
हत्या’रे 20 जून को वा’रदात को अंजाम देने में नाकामयाब रहे, क्योंकि उस दिन कोल्हे ने अपनी शॉप जल्दी बंद कर दी थी। रात के करीब 9:30 ही वह दुकान बंद करके घर चले गए थे। हत्यारों ने पहले दिन यह मानकर योजना बनाई थी कि कोल्हे रात 10-10:30 बजे के बीच अपनी दुकान बंद करेंगे। कोल्हे की हत्या इसलिए की गई क्योंकि उन्होंने भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा के भड़काऊ बयान का समर्थन किया था। शर्मा की ओर से पैगंबर मोहम्मद पर दिए बयान की दुनिया भर में निंदा की गई थी।
कोल्हे ने नूपुर शर्मा के बयान के समर्थन में किया पोस्ट
केमिस्ट कोल्हे ‘ब्लैक फ्रीडम’ नाम के व्हाट्सएप ग्रुप का हिस्सा थे, जिसमें हिंदू और मुस्लिम दोनों ही मेंबर्स शामिल हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, कोल्हे ने इस ग्रुप में नूपुर शर्मा के समर्थन में कुछ धार्मिक टिप्पणियां की थीं। इस पोस्ट को उनके दोस्त और ग्राहक यूसुफ खान ने दूसरे व्हाट्सएप ग्रुप्स में शेयर किया। इनमें से एक व्हाट्सएप ग्रुप ‘कालिम इब्राहिम’ नाम का था।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, इरफान खान नाम का इस ग्रुप एक मेंबर इस टिप्पणी पर भकड़ उठा। उसने पांच अन्य लोगों के साथ मिलकर कोल्हे की हत्या की योजना बनाई।
खान ‘रहबर’ नाम का एक एनजीओ चलाता है, जिसके जरिए वह मुस्लिम परिवारों की मदद करता है। कोल्हे के अंतिम संस्कार में भी खान शामिल हुआ था। कोल्हे की हत्या के मामले में अब तक सात आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है, जिनमें इरफान खान और यूसुफ खान भी शामिल हैं।
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