राज्य में एक जुलाई यानी शुक्रवार से सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लागू हो गया है। इसके बाद सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल, बिक्री व भंडारण करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उनसे जुर्माना भी वसूला जाएगा। निगम भी शुक्रवार से सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध को लेकर विशेष अभियान चलाएगा।
इधर, इस कारोबार से जुड़े व्यवसायियों के मुताबिक झारखंड में प्लास्टिक व थर्मोकोल से बने उत्पादों का हर दिन तीन करोड़ से अधिक कारोबार होता है, जो प्रतिबंध के कारण बंद हो जाएगा। इसके अलावा रांची में जहां लगभग 200 दुकानदार इस कारोबार से जुड़े हैं। वहीं, राज्य में करीब आठ हजार से अधिक छोटे-बड़े खुदरा दुकानदार इससे जुड़े हैं।
इन उत्पादों पर प्रतिबंध
प्लास्टिक स्टिक युक्त ईयर बड्स, प्लास्टिक की डंडिया, प्लास्टिक के झंडे, कैंडी स्टिक, आईस्क्रीम की डंडी, पोलीस्टाइरीन (थर्मोकोल) की सजावटी सामाग्री, प्लेट, कप, गिलास, कांटा चम्मच, चाकू, स्ट्रा, ट्रे जैसे कटलीरी, मिठाई के डिब्बों के इर्द-गिर्द लपेटने या पैक करने वाली फिल्म, निमंत्रण कार्ड और सिगरेट पैकेट के चारों ओर फिल्म लपेटना या पैकिंग, सौ माईक्रोन से कम मोटाई वाले प्लास्टिक या पीवीसी बैनर, स्टिक एक जुलाई से प्रतिबंधित होगा।
‘वैकल्पिक उत्पाद बाजार में उपलब्ध कराया जाए’
सिंगल यूज प्लास्टिक पर पूर्ण प्रतिबंध को लेकर चैंबर सदस्यों ने बैठक की। इस दौरान सरकार से यह अपील की गई कि इसके प्रोडक्शन को बंद करना जरूरी है। छोटे व्यापारी तो इसका विक्रय बंद कर देंगे, लेकिन प्रोडक्शन बंद नहीं हुआ तो बाजार में इसकी उपलब्धता बनी रहेगी।
यह भी कहा गया कि सरकार को चाहिए कि बाजार में सिंगल यूज प्लास्टिक का वैकल्पिक उत्पाद उपलब्ध कराया जाए, ताकि इसके बगैर कामकाज प्रभावित न हो। बैठक में चैंबर अध्यक्ष धीरज तनेजा, उपाध्यक्ष दीनदयाल बरनवाल, महासचिव राहुल मारू, कार्यकारिणी सदस्य अनीश बुधिया व सुशील पोद्दार उपस्थित थे।
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