बिहार का कश्मीर के रूप में शुमार नवादा जिले के गोविन्दपुर प्रखंड में स्थित ककोलत जलप्रपात में बुधवार को अचानक सैलाब आने से अफरातफरी मच गयी। घटना सुबह करीब 11:40 बजे की बतायी जाती है।
ककोलत जलप्रपात के पानी की रफ्तार काफी तेज हो गयी और कुंड में पानी का जलस्तर तेजी से बढ़ने लग गया। उस वक्त जलप्रपात में तकरीबन 1000 सैलानी मौजूद थे और जलप्रपात का लुत्फ उठा रहे थे।
अचानक पानी की रफ्तार की गर्जना और जलस्तर में वृद्धि से ककोलत में अफरातफरी मच गयी। जलप्रपात में मौके पर मौजूद रहे ककोलत के केयरटेकर यमुना पासवान ने अपने कार्यकर्ताओं की मदद से एक-एक कर सभी सैलानियों को वहां से सुरक्षित बाहर निकाला। तकरीबन एक घंटे से अधिक समय तक सैलाब का असर रहा। दोपहर करीब 01 बजे पानी का वेग थमा और सैलाब शांत पड़ गया। इसके बाद सैलानियों ने पुन: जलप्रपात का लुत्फ उठाया।
नहीं हुआ कोई नुकसान
ककोलत के केयरटेकर के मुताबिक जलप्रपात में कोई नुकसान नहीं हुआ। सभी सैलानी सुरक्षित वापस निकाल लिये गये। बताया जाता है कि सुबह से ही बुधवार को जिले में रूकरूक कर बारिश हो रही थी। केयरटेकर के मुताबिक ककोलत में भी सुबह करीब 10 बजे से बारिश हो रही थी। बीच-बीच में बारिश तेज हो रही थी। बताया जाता है कि बारिश के मौसम में अक्सर ककोलत आये सैलानियों को सैलाब का कहर झेलना पड़ता है। पिछले कुछ वर्षों में सैलाब के कारण ककोलत को काफी नुकसान उठाना पड़ा है। हालांकि इस बार कोई नुकसान नहीं हुआ। नीचे की दुकानें, ककोलत की सीढ़ियां व रेलिंग आदि सभी सुरक्षित बताये जा रहे हैं।
बारिश के मौसम में ककोलत में भूस्खलन का खतरा बना रहता है। पूर्व में कई बार भूस्खलन से ककोलत को खासा नुकसान हुआ है। सीढ़ियों से लगे चट्टानों के खिसकने से कई बार गंभीर हादसा होते-होते बचा है। यही कारण है कि ककोलत के प्रस्तावित सौंदर्यीकरण से पूर्व वहां स्लोप स्टैबिलाइजेशन (ढलान स्थिरीकरण) के निर्माण का प्रावधान किया गया है। हाल ही में मुख्यमंत्री के विजिट के बाद से ककोलत के प्रस्तावित सौंदर्यीकरण की कुंद पड़ी रफ्तार के तेज होने के आसार बने हैं।
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