पटना : सामान्यत: छोटे बच्चों के साथ ट्रेन में सफर के दौरान परे’शानी होती है। इस परेशानी से बचने के लिए अभिभावक एक्स्ट्रा सीट बुक करते हैं, लेकिन बच्चों के लिहाज से यह सीट सुरक्षित नहीं रहती। रेलवे ने अब इस समस्या का हल ‘बेबी बर्थ’ के रूप में निकाला है।
मदर्स डे पर उत्तर रेलवे के लखनऊ मेल की एक कोच में दो बर्थ के साथ इसकी शुरुआत की जा चुकी है। रेलवे अब बिहार सहित पूरे देश की अन्य ट्रेनों में भी इसका विस्तार करने जा रही है। हर कोच में सीट दो खास बर्थ पर यह सुविधा मिलेगी। इनपर बच्चों की सुरक्षा के लिहाज से खास प्रबंध किए जाएंगे। सवाल यह है कि बेबी बर्थ की बुकिंग कैसे की जाएगी तथा इसे बुक करने के लिए प्रावधान क्या होंगे? रेलवे की इस पहल के लिए महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव की तारीफ की है।
रेलवे की महिलाओं व बच्चों के लिए नई सुविधा
भारतीय रेलवे ने ट्रेनों में छोटे बच्चों के साथ सफर करने वाली महिलाओं को ध्यान में रखकर नई सुविधा शुरू की है। छोटे बच्चों के साथ सफर करने वाली महिलाओं को बर्थ पर बच्चे के साथ सफर करने में परेशानी होती है। इसे ध्यान में रखकर उत्तर रेलवे ने नई दिल्ली और नई दिल्ली के बीच चलने वाले लखनऊ मेल में कोच नंबर 194129/ बी4 में बर्थ नंबर 12 और 60 में बेबी बर्थ लगाया है। मदर्स डे के अवसर पर हाल ही में हुई यह शुरु की गई इस पहल का विस्तार देश की अन्य ट्रेनों में भी किया जाएगा। बिहार में भी इसका इंतजार किया जा रहा है।
ट्रेनों के सभी कोच में कैसे रहेंगे ये बर्थ, जानिए
यह सामान्य बर्थ से बड़ा होगा, ताकि मां व बच्चा आराम से सो सकें। बच्चे की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इसे लोअर बर्थ में लगाया जाएगा। बर्थ में स्टॉपर भी लगा रहेगा, ताकि सोते समय बच्चा नीचे न गिरे। बर्थ 70 मिलीमीटर लंबी और 255 मिलीमीटर चौड़ी, 76.2 मिलीमीटर मोटी होगी। इसे सुविधा व जरूरत के अनुसार मोड़ा तथा ऊपर-नीचे भी किया जा सकेगा।सभी ट्रेनों के कोच में ऐसे दो बर्थ रहेंगे।
सवाल ऐसे बर्थ की बुकिंग व इसके लिए पात्रता का भी है। बड़ी बात यह कि इसकी बुकिंग के लिए अतिरिक्त चार्ज नहीं देना होगा। बेबी बर्थ की बुकिंग सामन्य बर्थ की तरह ही होगी। शर्त यह कि साथ में सफर कर रहे बच्चे की जानकारी देनी होगी। बच्चे की उम्र पांच साल से कम होनी चाहिए।
ट्रेनों में लोअर बर्थ की पहल का बिहार के लोगों ने भी स्वागत किया है। गुड़गांव में एक निजी कंपनी में इंजीनियर मौली श्री कहती हैं कि इस सुविधा के शुरू होने के बाद वे अपनी छोटी बेटी के साथ ट्रेन से भी बिहार स्थित अपने घर आ सकेंगी। पटना की रजनी सिंह के अनुसार छोटे बच्चों की माताओं के लिए यह रेलवे का बड़ा उपहार है। मालदा मंडल के डीसीएम पवन कुमार ने कहा है कि कोच उपलब्ध होते ही मंडल की ट्रेनों में भी इसे आरंभ कर दिया जाएगा।
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