बीपीएससी पीटी के प्रश्न पत्र लीक होने के मामले के तार आरा स्थित एक केंद्र से जुड़ रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक इस सेंटर पर कुछ अभ्यर्थियों को पहले ही प्रश्नपत्र मिल गए थे और सभी एक ही कमरे में मौजूद थे। देर तक जब अन्य अभ्यर्थियों को पेपर नहीं मिला तो कई उस कमरे में जबरन घुसे और प्रश्नपत्र छीन कर उसे वायरल कर दिया। पेपर लीक आउट मामले की जांच के लिए गठित विशेष टीम आरा सेंटर पर हुई इस घटना पर फोकस कर जांच में जुटी है।
पेपर लीक होने के पीछे संगठित गिरोह का हाथ हो सकता है। आरा के सेंटर पर जिस तरह से पूरा घट’नाक्रम सामने आया है, उससे यह आशंका प्रबल हो गई है। कुछ अभ्यर्थियों को प्रश्न पत्र पहले कैसे मिला और सभी एक कमरे में कैसे पहुंचे इसकी तहकीकात भी शुरू कर दी गई है। बीपीएससी परीक्षा के पेपर लीक की जांच के लिए एडीजी इओयू नैयर हसनैन खां ने 13 पुलिस अधिकारियों की टीम बनाई है। टीम में 6 डीएसपी और 6 इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारियों को रखा गया है। राज्यभर में 1083 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे। परीक्षा के रद्द होने से आयोग को एक अनुमान के मुताबिक 10 करोड़ से अधिक का नुकसान आयोग को हुआ है।
बिहार लोक सेवा आयोग के इतिहास में पहली बार 67वीं संयुक्त परीक्षा का प्रश्नपत्र वायरल हुआ है। एक दिन पहले आयोग के अध्यक्ष आरके महाजन ने परीक्षा को लेकर सख्त निर्देश दिए गए थे। बीपीएससी 67वीं परीक्षा का प्रश्नपत्र 11:00 बजे ही टेलीग्राम और व्हाट्सएप पर वायरल होना शुरू हो गया था। उसके बाद धीरे-धीरे यह मामला यूट्यूब पर पहुंच गया। 11:30 बजे के बाद अधिकारी हरकत में आए और जांच का आदेश दिया गया। उसके 3 घंटे के बाद ही परीक्षा को रद्द कर दिया गया।
पीटी रद्द होने के बाद पांच लाख छात्रों को झटका लगा है। खासकर दूरदराज से परीक्षा देने आए छात्रों को आर्थिक रूप से तो नुकसान हुआ ही, मानसिक तौर पर भी वे परेशान हुए। परीक्षा के लिए छात्रों को अब करना होगा इंतजार
अब पांच लाख छात्रों को परीक्षा के लिए इंतजार करना पड़ेगा। परीक्षा में कम से कम तीन माह का समय लगेगा। अभी पूरी प्रक्रिया की जांच होगी। जांच के बाद ही आयोग आगे की परीक्षा के लिए तिथि जारी करेगा।
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