बिहार : विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने विस की संसदीय समितियों के सभापतियों के साथ शुक्रवार को बैठक की। उन्होंने कहा कि सरकार लोकहित में लोकधन का व्यय विभिन्न योजनाओं पर करती है और राज्य सरकार विधानसभा के प्रति जवाबदेह है। ऐसे में विधानसभा की इन संसदीय समितियों की जिम्मेदारी राज्य की 12 करोड़ जनता के प्रति बढ़ जाती है। इन समितियों पर सरकारी योजनाओं के अनुश्रवण की जिम्मेदारी है।
समितियां सरकारी योजनाओं का लाभ समाज के अंतिम पायदान पर बैठे व्यक्ति तक पहुंचाने में भी मददगार हैं। उन्होंने कहा कि पिछले दो वर्षों में कोराना महामारी के कारण विधानसभा को समितियां राज्य के अंदर स्थल अध्ययन यात्रा पर नहीं जा सकी थीं। स्थल निरीक्षण से सरकारी योजनाओं को वास्तविक स्थिति से अवगत हुआ जा सकता है। ये समितियां मई-जून में सरकार की योजनाओं के कार्यान्वयन की वास्तविक स्थिति का आकलन और अनुश्रवण करने के लिए राज्य के अंदर प्रत्येक जिलों में स्थल अध्ययन यात्रा पर जायेंगी।
समितियां अपनी इस यात्रा के दौरान सदन द्वारा इन्हें सुपुर्द मामलों के संबंध में व्यापक अध्ययन कर सरकार के विकास और पारदर्शितापूर्ण कार्रवाई पर अपना प्रतिवेदन भी विधानसभा को समर्पित करेंगी। राज्य सरकार के विकास कार्यों में बाधक बने पदाधिकारियों को भी इन समितियों द्वारा चिन्हित किया जायेगा और योजनाओं में भ्रष्टाचार को कतई बर्दाश्त नहीं किया जायेगा।
बैठक में बिहार विधान सभा के उपाध्यक्ष महेश्वर हजारी, प्राक्कलन समिति के सभापति नंदकिशोर यादव, आचार समिति के सभापति रामनारायण मंडल, लोक लेखा समिति के सभापति सुरेंद्र प्रसाद यादव, बिहार विरासत विकास समिति के सभापति भाई वीरेंद्र, प्रत्यायुक्त विधान समिति के सभापति अजीत शर्मा, पुस्तकालय समिति के सभापति सुदामा प्रसाद, आंतरिक संसाधन एवं केंद्रीय सहायता समिति के सभापति शमीम अहमद, पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण समिति के सभापति रामप्रवेश राय, आवास समिति के सभापति अशोक कुमार चौधरी तथा महिला एवं बाल विकास समिति की सभापति अरुणा देवी, बिहार विधान सभा के सचिव शैलेन्द्र सिंह और संयुक्त सचिव पवन कुमार पांडेय उपस्थित थे।
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