दरभंगा : ह’त्या के आरो’प में 7 महिलाओं को उम्र कै’द की स’जा दी गई है। इन सभी महिलाओं पर एक 10 साल की मासूम बच्ची की पी’ट-पी’टकर ह’त्या का आ’रोप है। मामला वर्ष 2009 में 12 सितंबर को हायाघाट थाने के छतौना गांव में बच्ची की ह’त्या की गई थी उम्र कैद के साथ-साथ सभी दो’षियों पर 10-10 हजार का जुर्मा’ना भी लगाया गया है, जुर्माना नहीं देने पर अतिरिक्त 1 साल जेल में रहना पड़ेगा।
मिली जानकारी के मुताबिक, ये सभी महिलाएं हायाघाट थाना क्षेत्र के छतौना की रहने वाली हैं। जिन महिलाओं को सजा सुनायी गयी है उनमें छतौना निवासी दुखी देवी, मुनर देवी, मुखनी देवी, भलभोगिया देवी, गीता कुमारी, इंदु देवी व चमुरण देवी हैं। इन महिलाओं पर 10-10 हजार रुपए का अर्थदं’ड भी लगाया गया है। इसके अलावा इन्हें धारा 147 के तहत भी एक-एक वर्ष कै’द की स’जा सुनाई गयी है। सभी सजा’एं साथ-साथ चलेंगी।
मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक विष्णु कांत चौधरी व रेणु कुमारी केस में पैरवी की। लोक अभियोजक ने बताया कि अभियुक्तों के विरुद्ध उसी गांव के योगेंद्र यादव ने अपनी 10 वर्षीया पुत्री राजवती कुमारी की ह’त्या का आरो’प लगाते हुए 13 सितंबर 2009 को हायाघाट थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी थी।
मामला जमीन वि’वाद का था। प्राथमिकी में कहा गया था कि 12 सितंबर 2009 को जब उनकी पुत्री खाना लेकर आ रही थी। इन महिलाओं ने उसे बुरी तरह मा’रा-पी’टा। इससे वह गं’भीर रूप से घा’यल हो गयी। उसे हायाघाट पीएचसी ले जाया गया। वहां इलाज के दौरान देर रात उसकी मौ’त हो गयी।
मामले में अभियुक्तों के विरुद्ध न्यायालय में नौ अगस्त 2011 को आरो’प गठन किया गया। इसमें अभियुक्तों ने स्वयं को नि’र्दोष बताया था। अभियोजन की ओर से 10 गवाहों ने गवाही दी। इनमें मुख्य रूप से पोस्टमा’र्टम करने वाले डॉ. पीके दास व पुलिस अनुसंधानक एमपी सिंह की भी गवाही ली गई। न्यायालय ने अभियुक्तों को 18 अप्रैल को दो’षी क’रार दिया था। स’जा के बिंदु पर सुनवाई के लिए 20 अप्रैल की तारीख निर्धारित की गई थी।
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