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कोरोना से होने वाली मौ’त के झू’ठे दावों की होगी जांच, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को दी इजाज़त

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को कोरोना से होने वाली मौ’त के मुआवजें के झू’ठे दावों की जांच करने की अनुमति दे दी है। अब आंध्र प्रदेश, गुजरात, केरल और महाराष्ट्र में पांच प्रतिशत दावों की जांच की जाएगी। मिली जानकारी के मुताबिक,  दरअसल इन राज्यों में कोरोना से होने वाली मौ’तों के आधिकारिक आंकड़े और क्ले’म में अंतर सामने आया है।

Supreme Court said- It seems that there is no law in Bihar, it is the rule  of the police; Truck driver illegally detained for 35 days | सुप्रीम कोर्ट  ने कहा-लगता है

कोर्ट ने कोरोना से होने वाली मौ’त का मुआवजा पाने के लिए दावा करने की समय सीमा भी तय कर दी है। 28 मार्च तक मुआवजे का दावा किया जा सकता है। इसके अलावा अगर आगे किसी की कोरोना से मौ’त होती है तो वह 90 दिनों के भीतर क्ले’म कर सकता है।सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि केंद्र सरकार पांच राज्यों में पांच फीसदी दावों की जांच कर सकती है। केंद्र उन्हीं मामलों की जांच करे जिसपर ज्यादा संदे’ह हो। बता दें कि केंद्र ने कोरोना से होने वाली मौ’तों के लिए 50 हजार रुपये का मु’आवजा देना स्वीकार किया है। 14 मार्च को हुई सुनवाई के दौरान बेंच ने कहा था कि अगर इस राहत का दुरुप’योग हो रहा है तो CAG द्वारा इसकी जांच होनी चाहिए।

corona update case of death in bihar due to corona family will get  compensation of 4 lakhs - कोरोना से बिहार में मौत होने पर परिजन को मिलेगा 4  लाख का मुआवजा,

पिछले साल 4 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि स्टेट डिजास्टर फंड से सभी राज्यों को कोरोना से होने वाली मौ’तों के लिए 50 हजार रुपये का मुआ’वजा देना होगा। कोर्ट ने यह भी कहा था कि कोई भी राज्य मुआवजे से इनकार नहीं कर सकता चाहे सर्टिफिकेट पर मौ’त कोरोना की वजह लिखी हो या नहीं।महा’मारी की शुरुआत से अब तक कोरोना से 5.16 लाख लोगों की मौत हो चुकी है। यह स्वास्थ्य मंत्रालय का आधिकारिक आंकड़ा है। गुजरात, आंध्र प्रदेशष माहाराष्ट्र और केरल में ही 2.36 लाख लोगों की जा’न कोरोना की वजह से चली गई।

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