बिहार : बरसात ख’त्म होने के बाद भी शहर के कई मोहल्लों में तीन से चार महीनों तक पानी जमा रहता है। हाजीपुर शहर के हा’लात बरसात में ब’द से बद’तर हो जाते हैं। यहां जलनिकासी की समस्या सबसे बड़ी चु’नौती है, जिससे निप’टने के लिए शहर के 138 किलोमीटर में सीवरेज का निर्माण शुरू हो गया है। इसके जरिए शहर में गं’दे पानी की निकासी आसानी से हो सकेगी।
निर्माण कार्य शुरू होने के बाद भी सर्वे कराकर 80 किमी. जोड़ा गया है। कुल मिलाकर 316 करोड़ रुपए इस पर खर्च होंगे। दूसरी ओर बरसात से पूर्व नालों की उड़ाही के संबंध में नगर परिषद के नव-पदस्थापित कार्यपालक पदाधिकारी ने बताया कि होली के बाद शहर के नालों की उड़ाही का कार्य शुरू होगा।मिली जानकारी के मुताबिक, हर साल होने वाले जलजमाव और इसके स्थाई समाधान के संबंध में स्थानीय विधायक ने बताया कि शहर के 39 वार्डों में जल-जमाव एवं गंदे पानी की निकासी के लिए सीवरेज का निर्माण शुरू करवा दिया गया है। फिलहाल शहर में 138 किलोमीटर में सीवरेज का निर्माण शुरू हुआ है। काम के शुरू होने के बाद जरूरत महसूस हुई तो फिर से सर्वे कर 80 किलोमीटर और जोड़ा गया है।
उन्होंने बताया कि 218 किलोमीटर में सीवरेज सीवरेज के निर्माण पर 316 करोड़ रुपये खर्च होगे, जिसमें ट्रीटमेंट प्लांट भी शामिल है। विधायक ने कहा कि सीवरेज के निर्माण होने के बाद शहर में जल-जमाव और गंदे पानी निकासी की समस्या से शहरवासियों को निजात मिल जाएगी।
विधायक ने बताया कि बरसात के दिनों में पानी के ओवर फ्लो हो जाने की स्थिति में जल निकासी के लिए एक प्रस्ताव नाममि गंगे को प्रस्ताव भेजा गया। इस प्रस्ताव के तहत पासवान चौक से लेकर हाइवे किनारे से गांधी सेतु की ओर भूमिगत नाले का निर्माण कराया जाएगा। दूसरी ओर सीवरेज निर्माण में पाइप लाइन बिछाने का कार्य तेजी से शहरी क्षेत्र में किया जा रहा है। सीवरेज के निर्माण हो जाने के बाद उन मोहल्ले के लोगों को जल-जमाव एवं गंदे पानी की निकासी से निजात मिलेगी। कई मोहल्ले में पाइप बिछाने का कार्य पूरा हो गया है। बरसात से पहले सीवरेज निर्माण का कार्य पूरा का लक्ष्य रखा गया है।
नगर परिषद के नव-पदस्थापित कार्यपालक पदाधिकारी ने कहा कि उनकी प्राथमिकता शहर में आसानी से जल निकासी हो इसकी है। बताया कि होली बाद शहर के पुराने नालों की उड़ाही शुरू की जाएगी। इसके लिए निविदा की प्रकिया पूरी की जा रही है। 22-23 मार्च को निविदा खुलेगी। निविदा खुलने के बाद नाले की उड़ाही शुरू करा दी जाएगी, बरसात के दिनों में शहर को जल-जमाव से मुक्ति मिल सके। उन्होंने बताया कि इस बार जल-जमाव की समस्या को देखते हुए नए नालों के निर्माण का निर्णय भी लिया गया। इसके लिए टेंडर भी निकाले गए हैं।
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