ऑनलाइन और ऑफलाइन परीक्षाओं में फ’र्जीवाड़ा करने वाले अंतर्राज्यीय गैं’ग के दो और सदस्यों को पटना पुलिस की विशेष टीम ने गिर’फ्तार कर लिया हैं। मिली जानकारी के मुताबिक, अब गि’रोह के कुल चार सदस्य अश्विनी सौरभ (तेलहाड़ा, नालंदा), तनेश कुमार (मनेर, रतन टोला), रूपेश कुमार (सुभाषनगर, रामकृष्णानगर) और शिवशंकर कुमार (विक्रम, पटना) पुलिस गि’रफ्त में हैं।
ये सभी बिहार समेत अन्य राज्यों में होने वाली ऑनलाइन परीक्षाओं में भी धां’धली करते थे। गि’रोह में व्यापम घोटा’ले और यूपी में टीईटी परीक्षा में हुई धां’धली में जेल गया एक आरो’पित भी शामिल है। दोनों फिलहाल पुलिस गिर’फ्त से फ’रार हैं। एसएसपी ने बताया कि रेलवे, एसएससी, एमभीआई, टीसीएस, एनटीपीसी, आरआरबी व अन्य परीक्षाओं में स्कॉलर बैठाकर और तकनीक के सहारे ये लोग फ’र्जीवाड़े का खेल खेलते थे। परीक्षा देने वाले कैंडिडेट से 30 से 40 लाख रुपये इस गैं’ग के सदस्य लेते थे।एडवांस के रूप में डेढ़ से दो लाख रुपये लिये जाते थे। पुलिस ने दानापुर थाना क्षेत्र के आरके पुरम साईंकॉलोनी स्थित एक घर से इन्हें प’कड़ा, जहां स्कॉलर गैं’ग के सदस्यों ने दफ्त’र खोल रखा था। इनके पास से नकद 18 लाख 78 हजार नकद रुपये, हिडेन कैमरा, हार्ड डिस्क, लैपटॉप, 70 अभ्यर्थियों के मूल प्रमाण पत्र, रेलवे, एनटीपीसी-आरआरबी के एडमिट कार्ड व अन्य कागजात ब’रामद किये गये हैं।
ख़बरों के मुताबिक, इस गैं’ग के कनेक्शन उस प्रेस से भी हैं जहां प्रश्नपत्र छ’पते थे। कोलकाता स्थित कौशिक प्रेस के मालिक को वाराणसी पुलिस वहां हुई टीईटी की परीक्षा में धां’धली के मामले में गिर’फ्तार कर चुकी है। इसी प्रेस से इस गैं’ग के सदस्य भी अलग-अलग परीक्षाओं के प्रश्न-पत्र ली’क करवा लिया करते थे। सॉफ्टवेयर के माध्यम से गिरो’ह के लोग ऑनलाइन परीक्षा सेंटरों से लाइव आईपी एड्रेस जेनरेट कर सामानांतर रूप से अपने लैपटॉप पर प्रश्नों को देखकर हल कर दिया करते थे। ऑनलाइन परीक्षा केंद्रों पर कर्मियों को मिलाकर सेनेटाइजर के डिब्बे में बटन कैमरा लगाकर प्रश्नों की तस्वीर खींचकर उसे बाहर भेजा जाता था। गिरो’ह के सदस्यों के बैंक खातों को पुलिस फ्रीज करेगी। एसएसपी ने बताया कि परीक्षा के पहले दो लाख रुपये एडवांस के साथ ही असली प्रमाणपत्र ले लिये जाते थे। ऑनलाइन परीक्षा लेने वाली कंपनियों में काम करने वाले सॉफ्टवेयर इंजीनियर गिरो’ह में हैं।
सेंटर ने बड़े स्तर पर ऑनलाइन परीक्षाओं में धां’धली करने के लिये खुद का ऑनलाइन परीक्षा सेंटर खोल रखा था। एसएसपी के मुताबिक गिरो’ह की कमान संभालने वाले अश्विनी सौरभ ने मुजफ्फरपुर के रामदयालु चौक पर नब टेक्नोलॉजी के नाम से सेंटर खोला था। उसमें 270 परीक्षार्थी परीक्षा देते थे। इसके अलावा गया में दो और पटना के तीन ऑनलाइन परीक्षा सेंटरों में उसके पैसे लगे हैं। परीक्षा सेंटर पर लगे जै’मर को कर देते थे फेल सॉल्वर गैं’ग के सेंटर सॉफ्टवेयर के माध्यम से भी परीक्षाओं में अभ्यर्थियों को पास करवाते थे। ऑनलाइन परीक्षा केंद्रों के सर्वर में भी सॉफ्टवेयर जैसे डीएनएस सर्वर, वर्चुअल बॉक्स व अन्य के जरिये हेर’फेर किया जाता था। परीक्षा केंद्रों पर लगे जैमर को हार्डवेयर के जरिये फे’ल कर दिया जाता था।बताया जाता हैं कि बरा’मद सामानों में हार्ड डिस्क 19, लैपटॉप सात, सीपीयू चार, मदरबोर्ड 3, वाईफाई राउटर 5, एडेप्टर दो, मॉनिटर एक, रैम तीन, आईपैड एक, पेन ड्राइव 1, मोबाइल 12, रबर मोहर 10, हिडेन कैमरा एक, कनेक्टर दस, ईयर ब्लूटूथ डिवाइस छह, कॉमन रेल सॉफ्ट दो, ईयर पीस छह, टूलकिट एक, माउस दो, यूएसबी हब एक, केबल वायर छह, एटीएम कार्ड 8, आधार कार्ड तीन व अन्य सामान शामिल हैं।
डॉ.मानवजीत सिंह ढिल्लो एसएसपी, पटना ने कहा है कि इस गि’रोह को पकड़ने के लिये एसआईटी का गठन किया गया था। हमारी टीम अब भी कई जगहों पर छापे’मारी कर रही है। इस प्रकरण में अभी और भी गिर’फ्तारियां होंगी।
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