बिहार के मुजफ्फरपुर में चालू वित्तीय वर्ष के आखिरी महीने में रोड, नाला और नलजल के काम में आई तेजी लोगों के लिए प’रेशानी का सब’ब बन गयी है। शहरी इलाके में पथ निर्माण विभाग से जुड़े सड़क-नाले की बड़ी योजनाओं पर काम सुस्त पड़ा था। मार्च क्लोजिंग में राशि लैप्स होने से बचाने के लिए एक साथ कई काम शुरू कर दिए गए हैं।
मुजफ्फरपुर को स्मार्ट सिटी बनाना है। काम तेजी आई तो गली मोहल्लों की सड़कें ऐसे काट दी गई हैं कि घर से निकलना दु’श्वार हो रहा है। योजना शुरू हो चुकी दिखाने के लिए सड़क काटने और नाला के लिए किनारे में खु’दाई का काम तेजी पर है लेकिन उसके बाद के काम में सुस्ती देखी जा रही है।
शहर के अमर सिनेमा रोड में निर्माण एजेंसी की लापरवाही के कारण 250 लोगों का घरों से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। मेन रोड में नाला निर्माण के लिए विशेशर पांडेय गली का मुहाना काट दिया गया। पिछले 10 दिनों से ना निर्माण हो रहा है, ना ही लोगों को मोहल्ले से निकलने के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था की जा रही है।गड्ढे में लबालब पानी भरा है। लेकिन सड़क किनारे आरसीडी की ओर से कोई घेराबंदी नहीं की गई है। जानकारी के अनुसार, मोहल्ले के नवीन चाचान ने बताया कि घूमकर दूसरे के घर के कैंपस से होकर लोग पिछले दस दिनों से बाहर निकल पा रहे है। जो बदहाल स्थिति है, उसमें कभी भी कोई बड़ा हा’दसा हो सकता है। इसी तरह पिछले एक वर्ष में शहर के पानी टंकी चौक से मिठनपुरा रोड में सड़क-नाला का काम पूरा नहीं हो सका। हाथी चौक, बीबीगंज, अमर सिनेमा रोड में भी अधूरे सड़क-नाला निर्माण के कारण सैकड़ों लोगों की परेशा’नी बढ़ी हुई है। आवागमन में काफी दि’क्क्त हो रही है।सिकंदरपुर के एफसीआई कॉलोनी में बनी नई सड़क को एक साल के अंदर दूसरी बार काटा जा रहा है। पहली बार सीवरेज लाइन बिछाने के नाम पर सड़क को बीचो-बीच काटा गया। वहीं, उसका काम पूरा हुआ तो फिर नल-जल योजना के तहत पानी की पाइप बिछाने के लिए सड़क काटी जा रही है।
स्थानीय पार्षद ने बताया कि करीब आधा दर्जन ऐसी सड़कें हैं, जहां नल-जल के लिए पाइप बिछाने का काम बाकी है। जहां पहले से सीवरेज का काम हो चुका है। वहीं, सीवरेज लाइन की तरह ही नल-जल के लिए खोदे गए गड्ढों की मर’म्मत का काम नहीं हो रहा है। एक ही सड़क को दो बार काटने से स्थानीय लोग काफी आक्रो’श में है। नगर आयुक्त ने सड़कों की मर’म्मत के लिए संवेदक व निगम के इंजीनियरों को 15 दिनों का समय दिया। लेकिन, इस अल्टीमेटम का असर नहीं दिखा।बता दें, वित्तीय वर्ष समाप्त होने वाला है। ऐसे में इस वित्तीय वर्ष में पथ निर्माण विभाग को भुगतान के लिए 20 मार्च तक का ही समय मुख्यालय से दिया गया है। आरसीडी के कार्यपालक अभियंता के अनुसार निर्माण में तेजी लाने के लिए हर दिन करीब एक करोड़ का चेक काटा जा रहा है। उसके बाद भी निर्माण की गति सुस्त है।नगर आयुक्त विवेक रंजन मैत्रेय का कहना है कि कुछ वार्डों में नल-जल योजना का काम बचा है। जलापूर्ति योजना को समय से पूरा कराना आवश्यक है। सड़क काटी जा रही है तो उसके मर’म्मत का काम भी हो रहा है। इस बारे में स्मार्ट सिटी व निगम दोनों के इंजीनियरों को स’ख्ती के साथ निर्देश दिया गया है। प्रतिदिन मरम्मत की रिपोर्ट ली जा रही है।
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