आम आदमी को महंगाई के मोर्चे पर जबरदस्त झ’टका लगने वाला है। जहां एक तरफ आपको खाना बनाना महंगा पड़ने वाला है। वहीं, दूसरी तरफ गाड़ी चलाना भी महंगा पड़ेगा। दरअसल, इस समय दुनियाभर में गैस की भारी कि’ल्लत हो गई है और इसका असर अब भारत में भी पड़ सकता है। इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 1 अप्रैल 2022 से घरेलू गैस की कीमतें दोगुनी हो सकती है। घरेलू गैस की कीमतों के अलावा गैस संकट का असर सीएनजी, पीएनजी पर भी देखी जा सकती है। यानी सीएनजी और पीएनजी महंगी हो सकती है। इतना ही नहीं बिजली की कीमतें भी बढ़ जाएगी और सरकार का फर्टिलाइजर सब्सिडी बिल भी बढ़ेगा।
मिली जानकारी के मुताबिक, कोरोना के वै’श्विक महा’मारी के चलते एनर्जी की मांग में जबरदस्त की तेजी आई है लेकिन सप्लाई के मामले में फिस’ड्डी रहा, पिछले साल सप्लाई को लेकर कोई खास कदम नहीं उठाए गए जिसके चलते गैस की कीमतें रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई। इससे वै’श्विक अर्थ’व्यवस्था को तग’ड़ा झ’टका लगा है। आपको बता दें कि घरेलू इंडस्ट्रीज पहले से लॉन्ग टर्म कॉन्ट्रैक्ट्स के चलते आयातित एलएनजी के लिए अधिक कीमतों का भुगतान कर रही है। बता दें कि दुनियाभर में गैस सं’कट का असर भारत में अप्रैल से देखी जा सकती है। ऐसा इसलिए क्योंकि अप्रैल में सरकार नेचुरल गैस की घरेलू कीमतों में संशोधन करती हैं। ऐसे में एनालिस्ट्स का मानना है की घरेलू गैस कीमतें बढ़ेंगी। बता दें कि घरेलू नेचुरल गैस की कीमतें हर साल अप्रैल और अक्टूबर में तय होती है और यह अंतरराष्ट्रीय कीमतों के अनुसार निर्धारित की जाती हैं। जनवरी से दिसंबर 2021 तक अंतरराष्ट्रीय कीमतों के आधार पर अप्रैल की कीमत तय की जाएगी।
गैस इंस्ट्रीज के अधिकारियों और विश्लेषकों के द्वारा मिली जानकारी के अनुसार, इसे वर्तमान में 2.9 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू से बढ़ाकर 6 से 7 डॉलर किया जा सकता है। रिलायंस इंडस्ट्रीज के अनुसार, गहरे समुद्र के क्षेत्रों से गैस की कीमत सीमा 6.13 डॉलर से बढ़कर लगभग 10 डॉलर हो जाएगी। मार्केट जानकारों की मानें तो, घरेलू नेचुरल गैस की कीमतों में प्रत्येक डॉलर की वृद्धि के लिए सीएनजी की कीमत में 4.5 रुपये प्रति किलोग्राम की वृद्धि की आवश्यकता होगी। इसका मतलब है कि सीएनजी की कीमत में लगभग 15 रुपये प्रति किलोग्राम की बढ़ोतरी हो सकती है।
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