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आईआईटी के छात्र बिहार के इस जिले में बेचते हैं चाय, जानें वजह

चाय की दुकान यूं तो हर शहर, गांव और कस्बे में दिख जाएगी। किसी का स्वाद तो किसी चायवाले का अंदाज या फिर किसी खास जगह की चाय की याद रह जाएगी। लेकिन आज हम जिस चायवाले का जिक्र कर रहे हैं, उसकी बात ही अलग है। जी हां, इस चायवाले की चाय ही नहीं, बल्कि उसकी दुकान का नाम भी अनोखा है। दूर-दूर से लोग इस दुकान की चाय पीने आते हैं। मिली जानकारी के अनुसार, बिहार के आरा शहर के ‘आईआईटियन टी स्टॉल’ यह टी स्टॉल दरअसल IIT और NIT के छात्रों का स्टार्ट-अप है, लिहाजा नाम भी वैसा ही रखा गया है।

bihar news: bihar news madras iit student started selling tea in arrah :  मद्रास IIT का छात्र आरा में बेचने लगा चाय... जानिए अपने जिले की खबर -  Navbharat Times

IIT मद्रास में डाटा साइंस में बीएससी कर रहे प्रथम वर्ष के छात्र रणधीर ने यह टी स्टॉल शुरू किया। इसमें उनका साथ दे रहे हैं जगदीशपुर के रहने वाले IIT खड़गपुर के छात्र अंकित कुमार, BHU में पढ़ रहे इमाग समीन और NIT सूरत के छात्र सुजान कुमार। इन चारों छात्रों ने प्रदेश की राजधानी पटना से सटे आरा में यह आईआईटीएन टी स्टॉल शुरू किया है। यह टी स्टॉल इन छात्रों का संयुक्त स्टार्ट-अप है। देश के अलग-अलग संस्थानों में रहकर पढ़ाई कर रहे हैं इन सभी दोस्तों ने रोजगार सृजन के मकसद से यह स्टार्टअप शुरू किया है। ये सभी दोस्त पहले एक ही सेंटर से इंजीनियरिंग की तैयारी कर रहे थे। एक टी स्टॉल से 2 से 3 लोगों को रोजगार मिलता है। अभी आरा में एक स्टॉल है, लेकिन इन दोस्तों ने इसी महीने यहां बमपाली और बाजार समिति में भी स्टॉल खोलने की योजना बनाई है। आइडिया की मॉनिटरिंग सभी दोस्त करते हैं। स्टॉल से जुड़े लोग बताए गए तरीके से काम करते हैं। क्वालिटी प्रभावित नहीं हो इसका विशेष ध्यान रखा जाता है।

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इंजीनियरिंग के छात्रों के टी स्टॉल की कई खासियत है। सबसे प्रमुख यह कि यहां एक दो नहीं, बल्कि 10 फ्लेवर में चाय मिलती है। आम, नींबू, संतरा, पुदीना जैसे फ्लेवर की चाय यहां आने वाले लोग पसंद करते हैं। कुल्हड़ में अलग-अलग फ्लेवर की चाय इसका मजा दोगुना कर देती है। स्टॉल पर काम कर रहे लोगों ने बताया कि पहले कुल्हड़ को चूल्हे की आग में गर्म किया जाता है, जिससे चाय में सोंधापन आ जाता है। छात्रों ने स्टॉल को 4 बाय 4 फुट में ही बनाया है। इस स्टॉल में पहिया भी लगा है, जिससे इसे शहर में कहीं भी लगाया जा सकता है। वहीं कुल्हड़ को गर्म करने के लिए चूल्हा को स्टॉल से अलग रखा जाता है। आरा में इस स्टार्ट-अप को सराहना मिली तो अब पटना के बोरिंग रोड में भी जल्द ही इसी तरह का स्टॉल खोलने की योजना है। स्टार्ट-अप से जुड़े छात्रों के मुताबिक इस साल के अंत तक देश भर में 300 स्टॉल खोलने की योजना है। छात्रों का कहना है कि स्टार्टअप को पर्यावरण संरक्षण से जोड़ने की भी प्लानिंग है। स्टॉल पर प्लास्टिक का इस्तेमाल पूरी तरह प्रतिबंधित है। केवल कुल्हड़ में ही चाय दिए जाने की व्यवस्था की गई है। कुल्हड़ को हाई प्रेशर पानी से धोने के बाद उसमें पौधों के लिए बीजारोपण कराया जाएगा। इस स्टॉल के माध्यम से लोगों तक कम कीमत पर इस पौधे को उपलब्ध कराने की योजना है। 

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