बिहार: शरा’बबंदी का’नून के उपर पूर्व सीएम और हम प्रमुख जीतन राम मांझी ने दो दिन पहले ही बेतिया में टिप्पणी की थी और कई सवाल भी उठाए थे। उनका कहना था कि शरा’बबंदी ठीक है, लेकिन इसमें दो तरह की नीति अपनाई जा रही है। उन्होंने स्पष्ट लहजे में कहा कि धनवान लोग एमपी, एमएलए, ठेकेदार, आईएएस, आईपीएस रात 10 बजे के बाद श’राब का सेवन करते हैं। उन्होंने कहा कि शरा’बबंदी कानून की आड़ में गरीबों और दलितों को पकड़कर जे’ल में डाला जा रहा है, वह गलत है।
इन सभी सवालों के जवाब में आज जनता दरबार में कार्यकर्म के बाद पत्रकारों से बात करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि लोग संकल्प लेते हैं और फिर इस तरह की बात करते हैं। यह विचित्र है। इस तरह की बात से लोगों को बचना चाहिए। शरा’बबंदी के खि’लाफ कोई भी अगर कोई बात सोचता है तो यह होना असंभव है। वहीं समाज सुधार अभियान को लेकर जिलों के दौरे पर पूछे सवाल का जवाब देते हुए सीएम नीतीश ने कहा कि हम वहां जाकर विकास की योजनाओं की समीक्षा करेंगे। साथ ही स्थानीय लोगों और महिलाओं से बातचीत कर उनसे जानकारी लेंगे और जागरूकता अभियान भी चलाएंगे। न’शामुक्ति, दहेज प्रथा उन्मूलन और बाल विवाह ख़त्म करने को लेकर हमलोगों का समाज सुधार अभियान जारी है।
मांझी शरा’बबंदी का’नून पर लगातार सवाल उठा रहे हैं। साथ ही उन्होंने यह भी कहा की सिमित मात्रा में ली गयी श’राब गलत नहीं हैं।आधा बोतल और एक बोतल श’राब का से’वन करने पर जे’ल भेजा जाना सही नहीं हैं।
Be First to Comment