मामला पटना के कोतवाली थाने के अदालतगंज स्लम बस्ती का हैं,जहां 14 बर्षीय किशोरी की जबरन शादी की जा रही थी। जबकि किशोरी शादी नहीं करना चाहती हैं उसके बावजूद भी उसपर दवाब बनाया जा रहा था।
किशोरी ने अपनी सूझबूझ से खुद को जबर्दस्ती की शादी से बचा लिया। 16 दिसम्बर को विवाह होने वाला था लेकिन उससे पहले ही किशोरी ने जबर्दस्ती बाल विवाह की बात पड़ोसियों को बता दी। उसने बताया कि उसकी मां और लड़का इमाम हुसैन निकाह के लिए उसपर दबाव दे रहे हैं। वह शादी नहीं करना चाहती है।
जानकारी के अनुसार, सेव द चिल्ड्रेन और वार्ड पार्षद पिंकी देवी की मदद से कोतवाली थाने की पुलिस ने किशोरी को बाल विवाह से मुक्त कराया। किशोरी ने थाने में दिए बयान में जबरदस्ती शादी की बात स्वीकार की है।
किशोरी के बयान के बाद माता-पिता ने थाने में समझौता पत्र में लिखा कि जब तक उनकी बेटी 18 साल की नहीं होगी, शादी नहीं करेंगे। बॉन्ड भरने के बाद किशोरी को माता-पिता के साथ भेजा गया हैं।
बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष डॉ. संगीता ने बताया कि इस तरह की शादी को रोकने में सबकी भूमिका होनी चाहिए।बाल विवाह के खिलाफ सभी को एक जुट होकर आवाज उठाने की जरूरत हैं।
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