महंगाई की दर में हर साल बढ़ोत्तरी होती हैं। देश में खुदरा महंगाई एक बार फिर बढ़ी हैं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, खुदरा महंगाई नवंबर में बढ़कर 4.91 प्रतिशत पर पहुंच गई जो की अक्टूबर में 4.48 प्रतिशत थी। इसके पीछे मुख्य वजह तेल और खाद्यान्नों की कीमतों में इजाफा होना है।राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा सोमवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, नवंबर 2021 में खाद्य तेलों की कीमतों में पिछले वर्ष की तुलना में करीब एक तिहाई की बढ़ोतरी हुई है लेकिन सब्जियों की कीमतों में करीब 20 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई हैं।
अर्थशास्त्रियों ने आने वाले महीनों में खुदरा महंगाई में और बढ़ोतरी की चेतावनी दी है क्योंकि कंपनियां आर्थिक सुधार के बीच उपभोक्ताओं को बढ़ती इनपुट लागतों का बोझ डाल सकती है। इससे जरूरी सामानों की कीमत में बढ़ोतरी होगी, जो महंगाई को बढ़ाएगी।
अंडों की कीमतें भी इस वर्ष कम रही है, जबकि मांस और मछली महंगी रही है। नवंबर 2021 में चीनी और मीठे उत्पाद की कीमतों में बढ़ोतरी रही है।आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा की जानकारी देते हुए कहा था कि पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क तथा वैट को कम किए जाने से प्रत्यक्ष प्रभाव के रूप में महंगाई दर में कमी आने की अपेक्षा हैं।ईंधन और परिवहन लागत कम होने का भी सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता हैं।

महंगाई अभी नहीं छोड़ेगी पीछा, अर्थशास्त्रियों ने दी चेतावनी
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