मधुबनी : शहर की तकरीबन एक लाख की आबादी को जलजमाव की समस्या से निजात दिलाने के लिए शहर में 129 करोड़ की लागत से शहरी ड्रेनेज प्रोजेक्ट का काम पिछले साल चार जून से चल रहा है।
ड्रेनेज के इस काम को 3 दिसम्बर 2021 को समाप्त हो जाना था। लेकिन, काम की गति इतनी धीमी है कि इसे पूरा होने में अभी भी पांच माह से अधिक समय लग सकता है। इस प्रोजेक्ट में अब तक 38 लाख तक की सरकारी राशि खर्च हो चुकी है।
प्रोजेक्ट का काम भी अभी तक मात्र 20 प्रतिशत ही हो सका है। इसके 80 प्रतिशत कार्य की समाप्ति में बहुत पेच है। सूत्रों की माने तो इस प्रोजेक्ट को पूरा होने में बिजली विभाग और वन विभाग भी कम बाधक नहीं है।
अधिकारियो ने कैमरे के सामने आने से मना करते हुए कहा कि इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए बाधक बन रहे पेड़ों को हटाने के लिए वन विभाग को कहा गया। सड़क पर से पोल हटाने के लिए भी बिजली विभाग को कहा गया। लेकिन, दोनों विभागों ने अब तक इस दिशा में ठोस प्रयास नहीं किया।
इधर, प्रोजेक्ट का कार्य करवा रही एजेंसी वुडको के अनुसार, बिजली विभाग, वन विभाग और नगर निगम के अधिकारियों में ताल मेल का भी घोर अभाव है। अधिकारियों में आपसी तालमेल के अभाव के कारण शहर के ड्रीम ड्रेनेज प्रोजेक्ट के काम में जबर्दस्त बाधा पहुंच रही है।
इस कारण शहर से जल निकासी की समस्या के समाधान में और अधिक देरी होने की आशंका है। प्रोजेक्ट को लेकर शहर में थाना चौक से जलधारी चौक, कोतवाली चौक सहित अन्य क्षेत्रों में नाले के लिए खोदी गयी भूमि में भारी जल जमाव के कारण सड़कों की स्थिति भी नरकीय हो गई है।
इस कारण यहां से लोगों को आने जाने में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। आए दिन लोग दुर्घटना के शिकार हो रहे हैं । दर्जनों कॉलोनियां और कई महत्वपूर्ण सड़कों के जलमग्न रहने से लोगों को जाम की समस्या से भी दो-चार होना पड़ता है। इस कारण लोगों में भारी आक्रोश पनप रहा है। लोगों कहना है कि अब बहुत समय लग रहा है। जल्द से जल्द इसका निर्माण हो नहीं तो आंदोलन किया जाएगा।
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