गोपालगंज में बरौली प्रखंड के सलेमपुर गांव के पास गंडक का तांडव शुरू हो चुका है। गंडक के जलस्तर कम होते ही कटाव की समस्या शुरू हो चुकी है। ऐसे में दियरा इलाके के लोग डरे व सहमे हुए हैं। यहां के सैकड़ो गांवों पर अब खतरा मंडराने लगा है।
दरअसल दियरा इलाके के लोग कभी बाढ़ तो कभी कटाव की समस्या से हमेशा ही परेशान रहे हैं। हाल में ही वाल्मीकिनगर बराज से लगातार पानी छोड़े जाने के बाद पूरे इलाके में या यूं कहें कि जिले के छह प्रखण्ड के दियरा इलाके में बाढ़ ने तबाही मचायी थी। काफी जानमाल का नुकसान हुआ।
इस बार बाढ़ से कई लोग घर से बेघर हो गए। कई लोगों के मकान गंडक के आगोश में समा गये। ग्रामीण प्रमोद प्रसाद के मुताबिक वे लोग आज भी बांध पर शरण लिए हुए हैं। उन्होंने बताया कि बाढ़ के बाद दियरावासियों की परेशानी अभी कम भी नही हुई थी कि जलस्तर कम होते ही कटाव तेजी से होने लगा।
उन्होंने बताया कि इस कटाव के वजह से निमुइया सलेमपुर समेत कई पंचायतों के लोगों के 60 से 70 एकड़ में लगी गन्ने की फसल के साथ जमीन कटना शुरू हो चुका है।
आलम यह है कि कटाव इतना तेज है कि रोजाना इसका दायरा बढ़ता जा रहा है। स्थिति यह उतपन्न हो गई है कि कटाव अब गांव के पास कटाव हो रहा है। इससे स्थानीय लोग डरे हुए हैं। कई लोगों का दिन का चैन और रात के नींद खत्म हो गई है। लोग रात को जग कर निगरानी कर रहे है।
बात करें विभागीय कटाव रोधी कार्य की तो यहां सिर्फ बांस बल्ली लगाकर कटाव को रोकने की कोशिश की जा रही है, जो नाकाम साबित हो रहा है। बहरहाल कटाव से भयभीत लोगों ने अपना दुखड़ा सुनाया। इस संदर्भ में हमने जब बाढ़ नियंत्रण विभाग के जेई से बात की तो उन्होंने कहा कि कटाव रोधी कार्य चल रहे हैं। कटाव अभी स्थिर है।
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