बिहार के औरंगाबाद जिले में बुधवार की देर शाम सदर अस्पताल में अचानक चिकित्सा कर्मियों के चेहरे पर मास्क लग गया. आनन-फानन में स्ट्रेचर मैन भी मास्क से लैस हो गये. जानकारी मिली की डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार के दौरान अक्षय कुमार नामक युवक में कोरोना का लक्षण पाया है. वैसे अक्षय बारुण प्रखंड के शोभोखाप गांव का रहने वाला है और राय बरेली में एग्रीकल्चर की पढ़ाई करता है. पता चला कि वह होली के दौरान घर आया था और फिर 13 मार्च को घर से रायबरेली के लिए निकला था. राय बरेली में ही अचानक उसकी तबीयत खराब हो गयी, जिसके बाद वह डॉक्टरों से मिला, जब कुछ हद तक इलाज से राहत मिली तो वह घर आ गया, लेकिन घर आते ही उसकी तबीयत फिर बिगड़ गयी.
सर्दी, बुखार व शरीर में ऐठन की शिकायत पर परिजन उसे लेकर इलाज के लिए सदर अस्पताल पहुंचे. सदर अस्पताल में ड्यूटी पर रहे डॉक्टर श्याम कुमार ने बताया कि जिस तरह की शिकायत उसकी है उससे उसमें कोरोना का लक्षण है. फिलहाल आइसोलेशन वार्ड में उसका इलाज किया जा रहा है. वरीय अधिकारियों के निर्देश पर आगे की कार्रवाई होगी. इधर पता चला कि माली जितपुर के दिनेश प्रजापति नामक व्यक्ति को भी आइसोलेशन वार्ड में रखकर इलाज किया गया. वह लुधियाना से लौटा था और फिर अचानक उसकी तबीयत खराब हो गयी. स्वास्थ्य विभाग के डीपीएम कुमार मनोज ने कहा कि दोनों मरीजों को मगध मेडिकल कॉलेज गया रेफर किया गया है. दोनों मरीजों का सैंपल जांच के लिए पटना भेजा जायेगा.
कोरोना को लेकर लोग सचेत, मामूली सर्दी-जुकाम होने पर भी करा रहे जांच
औरंगाबाद जिले में सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति पर अक्सर सवाल खड़े होते हैं, लेकिन कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में आमलोगों की जागरुकता देखते को मिल रही है. मामूली सर्दी -जुकाम होने पर भी लोग चिकित्सक की सलाह लेना जरूरी समझ रहे हैं. सदर अस्पताल में बुधवार को ऐसे मरीजों की भीड़ लगी रही जो सर्दी -बुखार होने पर अपना इलाज कराने पहुंचे. खासतौर पर उन मरीजों की गंभीरता से जांच की गयी, जो पिछले दिनों दूसरे देशों या प्रदेशों से यहां आये हैं. सदर अस्पताल में इलाज कराने पहुंचे कई मरीजों ने बताया कि तीन-चार दिनों से वे खांसी और बुखार से पीड़ित हैं और सांस लेने में दिक्कत हो रही है. मरीज को दवा देने के बाद कुछ दिन घर में ही आराम करने को कहा गया है.
जांच के बाद चिकित्सक ने उन्हें बताया कि उनमें कोरोना वायरस के लक्षण नहीं है और दवा देकर उन्हें वापस भेज दिया गया. अस्पताल में ऐसे दो-चार नहीं, बल्कि दर्ज नौ मरीज पहुंचे थे. मौसम में लगातार हो रहे बदलाव के कारण सर्दी -बुखार के मरीजों में बढ़ोतरी हुई हैं. सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ सुनील कुमार ने बताया कि हर स्तर पर चलायी जा रही जागरुकता का अच्छा प्रभाव देखने को मिल रहा है. सर्दी-बुखार होने पर लोग खुद जांच कराने पहुंच रहे हैं. डॉ सुनील ने बताया कि अभी मौसम के तापमान में उतार-चढ़ाव काफी ज्यादा है और इस मौसम में ऐसे भी जुकाम- बुखार के मरीज बढ़ जाते हैं. अभी कोरोना को लेकर लोग जागरूक हैं और ऐहतियात बरतते हुए अस्पताल पहुंच रहे हैं.
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