बागेश्वरधाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को मंगलवार को शहडोल की जिला अदालत में पेश होना था. अदालत में धीरेंद्र शास्त्री पेश नहीं हुए, जिस वजह से अदालत ने मामले की सुनवाई को टाल दिया है. अब दो दून को मामले की सुनवाई होगी.

कहा जा रहा है कि धीरेंद्र शास्त्री की ओर से दो वकील छतरपुर से शहडोल के लिए रवाना हो गए थे. लेकिन समय पर सुनवाई में न पहुंच पाने के कारण शहडोल के स्थानीय वकील समीर अग्रवाल उनकी तरफ से पेश हुए है.

मामले की सुनवाई कर रहे न्यायिक मजिस्ट्रेट सीताशरण यादव 19 से 31 मई तक समर वेकेशन पर चले गए हैं, जिस वजह से मामले की सुनवाई अब दो जून को होगी. महाकुंभ में हर व्यक्ति को आना चाहिए. जो नहीं आएगा, वह पछताएगा और देशद्रोही कहलाएगा.


बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर के इसी बयान के खिलाफ अदालत में सुनवाई हो रही है. बागेश्वर धाम के प्रमुख ने 27 जनवरी को ये बयान दिया था. बागेश्वरधाम के बयान के खिलाफ शहडोल के सीनियर एडवोकेट संदीप कुमार तिवारी ने चार फरवरी को सोहागपुर थाने में शिकायत दर्ज करवाई थी.


तिवारी का आरोप है कि मैंने थाने में शिकायत दर्ज करवाई, बावजूद इसके उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई. इसलिए मैंने तीन मार्च को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के समझ शिकायत दर्ज करवाई.


तिवारी का आरोप है कि धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का बयान असंवैधानिक है. उनके बयान से समाज में नफरत फैल रही है. मामले में 15 मई को फर्स्ट क्लास मजिस्ट्रेट सीताशरण यादव की कोर्ट ने पंडित धीरेंद्र शास्त्री को नोटिस जारी किया. 20 मई को अदालत ने धीरेंद्र शास्त्री को उपस्थित होने का निर्देश दिया.


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