बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने पटना के श्रीकृष्ण स्मारक भवन सभागार में आयोजित ताड़ी व्यवसायी महाजुटान कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि बिहार के कई क्षेत्रों में ताड़ी का व्यवसाय होता है.

इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव में अगर महागठबंधन की सरकार बनी तो इस व्यवसाय को उद्योग का दर्जा दिया जाएगा.

उन्होंने कहा कि जब उनकी सरकार थी तब पार्टी प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने भी शराबबंदी कानून से ताड़ी के व्यवसाय को अलग करने की बात कही थी, लेकिन यह संभव नहीं हो सका. आगामी चुनाव में हमारी सरकार बनी तो ताड़ी को शराबबंदी से अलग कर दिया जाएगा.


तेजस्वी यादव ने कहा कि आज शराबबंदी कानून से सबसे ज्यादा उत्पीड़न पासी समाज का हुआ है. कई लोगों ने इसकी शिकायत भी की है. लोगों ने शिकायत की है कि उनके पुश्तैनी पेशे को बंद करा दिया गया है. उन्होंने आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि जाति आधारित गणना में पासी समाज की जनसंख्या एक प्रतिशत है और पासी समाज के 76 प्रतिशत लोग भूमिहीन हैं.


राजद नेता तेजस्वी ने शराबबंदी कानून पर सवाल उठाते हुए कहा कि इसके तहत सबसे ज्यादा पिछड़ा, अति पिछड़ा, दलित और आदिवासी समाज के लोगों को निशाना बनाकर जेल भेजा जा रहा है.


स्थिति यह आ गई है कि कई लोग पैसे नहीं रहने के कारण जमानत भी नहीं करा पा रहे हैं. पुलिस भी शराब के नाम पर घरों में घुस जाती है और लोगों का शोषण कर रही है. उन्होंने बिहार सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार की ‘नीरा’ योजना भी फ्लॉप हो गई है.
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