पटना: लोकसभा चुनाव के दौरान सियासी बयानबाजी अपने चरम पर है। सोमवार को बेगूसराय और झंझारपुर की रैली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि अगर दोबारा एनडीए की सरकार आई तो बिहार से जातिवाद और परिवारवाद को हमेशा के लिए खत्म कर देंगे। जिस पर अब आरजेडी नेता और पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने पलटवार किया है। और कहा कि ये लोग हार रहे हैं। इसलिए इनका दिमाग खराब हो गया है।
शाह के बयान पर तेजस्वी यादव ने कहा कि ये हास्यास्पद है, दो कारण हैं पहला तो इनकी सरकार बनने नहीं जा रही। दूसरा पहले अपने घर से तो शुरूआत करें। परिवारवाद वाले कौन लोग हैं उनके दल में, हमने तो पूरी लिस्ट गिनाई थी। कौन-कौन है दल है। पहले अपने घर से शुरू करें, अपने दल से शुरू करें। कोई मतलब नहीं रह गया है। दरअसल ये लोग हार रहे हैं इसलिए इनका दिमाग खराब हो गया है।
वहीं शाह का वह बयान जिसमें उन्होने कहा था कि अगर इंडी अलायंस की सरकार बनी तो ये लोग पीएम की कुर्सी भी बांट लेंगे। जिस पर तेजस्वी ने कहा कि ये लोग हार मान गए है, यानी वो लोग मान रहे हैं कि हमारी सरकार बन रही है। ढाई हजार बहनों के साथ शोषण हुआ, कर्नाटक में, करने वाला कौन? इन्ही के साथी पता चला जर्मनी फरार हो गए हैं।
इससे पहले महिला पहलवानों के साथ शोषण हुआ, प्रधानमंत्री चुप, मणिपुर में बहनों का शोषण हुआ प्रधानमंत्री चुप। कर्नाटक में ढाई हजार बहनों को शोषण हुआ। प्रधानमंत्री चुप। बेटी बढ़ाओ, बेटी पढ़ाओ का नारा देने वाले प्रधानमंत्री 2-3 दिन पहले वैसे लोगों का चुनाव प्रचार कर रहे थे। क्या मामला है, क्यों प्रधानमंत्री और अमित शाह इस पर बयान नहीं देते।
आपको बता दें, सोमवार को झंझारपुर और बेगूसराय की रैली में इंडी अलायंस और लालू यादव की आरजेडी पर जमकर निशाना साधा था। और कहा कि ओबीसी की सबसे बड़ी विरोधी पार्टी कांग्रेस की गोदी में आरजेडी बैठ गई है। वो भी इसलिए क्योंकि लालू चाहते हैं कि तेजस्वी बिहार के किसी तरह सीएम बन जाएं।
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