22 जनवरी को अयोध्या में रामलला मंदिर में होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह की तैयारी वैसे तो पूरे देश में हो रही है। लेकिन भगवान श्रीरामचंद्र जी का ससुराल जनकपुरधाम के गली-गली में कीर्तन और सियाराम के जयकारे की गूंज है। जनकपुर धाम के लोग काफी उत्साहित हैं क्योंकि भगवान राम अपने नए घर में प्रवेश कर रहे हैं इसीलिए ससुराल से भी उनके लिए वस्त्र, फल, फूल, मेवा ,माला आदि सामग्री भेजी जा रही है। अयोध्या समारोह को लेकर जनकपुर अभी विशेष आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। काफी संख्या में यहां पर्यटक यह देखने आ रहे हैं कि भगवान राम के ससुराल में इन दोनों क्या चल रहा है।
शहर की गलियां सियाराम के जयकारे की गूंज से आनंदित हो रही है। मां जानकी मंदिर के आसपास तो इन दिनों 24 घंटे चहल-पहल है। गली गली भजन कीर्तन करते लोग जानकी मंदिर पहुंच रहे हैं। घर-घर से सामग्री एकत्रित की जा रही है। जानकी मंदिर में एक बड़ा पंडाल बनाया गया है जहां नगर वासी अपने स्वेच्छा से प्रभु श्री रामचंद्र जी के लिए सामग्री दे रहे हैं। राम ,लक्ष्मण, भरत ,शत्रुघ्न और माता जानकी के लिए भी ससुराल पक्ष से नए वस्त्र भेजे जा रहे हैं।
ससुराल पक्ष से किसी चीज की कमी ना हो इस भाव से लोग तैयारी में जुटे हुए हैं। अगले 4 जनवरी को जनकपुरधाम से जानकी मंदिर के उत्तराधिकारी महंथ रोशन दास के नेतृत्व में 251 लोगो का जत्था 1100 भार(डलिया) के साथ जलेश्वर, मौलापुर, सिमरौनगढ होते हुए वीरगंज जायेंगे। इसमें जनकपुरधाम के 19 संत भी शामिल हैं। 5 जनवरी को वीरगंज से रक्सौल, गोपालगंज, गोरखपुर होते हुए अयोध्या पहुंचेंगे। 6 जनवरी को 251 डालिया राम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट को सौंपा जाएगा । 11 डालिया अयोध्या के मेयर गिरीश पति त्रिपाठी को जनकपुरधाम के मेयर मनोज कुमार साह भेंट करेंगे। शेष अयोध्या के अन्य मठ, मंदिरों को भेंट किया जाएगा। डलिया में मिठाई फल मेवा कपड़ा आदि सामग्री की पैकिंग की जा रही है।
जनकपुर धाम के जानकी मंदिर के महंत रोशन दास कहते हैं कि अयोध्या में श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर यहां तैयारी जोरों शोरों से हैं। यहां का प्रत्येक नगर वासी अपनी बेटी और दामाद के लिए सहयोग कर रहा है। जानकी विवाह मंडप में सक्रिय रही बनारसी देवी यादव और रेखा गुप्ता का कहना है कि यहां की कई महिलाएं रात-रात भर जागकर सामग्री बना रही हैं। कई कारीगर ऐसे हैं जो डलिया तैयार कर रहे हैं जिसमें मिठाई में वह फल फूल को भेजा जाना है।
जानकी मंदिर के महंत रोशन दास कहते हैं कि भारत के प्रधानमंत्री 18 में 2018 को जानकी मंदिर दर्शन करने आए थे तथा उन्होंने कीर्तन में करताल बजाए थे। जनकपुर के विकास के लिए उन्होंने भारत सरकार की ओर से बड़ी राशि उपलब्ध कराई थी इस मंदिर में 1961 से लगातार कीर्तन चल रहा है।
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