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जर्मनी की 11 महिलाओं ने अपनों की मुक्ति के लिए गयाजी में किया पिंडदान

गया: पितृपक्ष मेले में देश के विभिन्न राज्यों के पिंडदानी गया श्राद्ध कर रहे हैं । तीर्थयात्रियों की भीड़ से विष्णुपद और फल्गु नदी के घाट भारी पड़े हैं। इन्हीं हजारों पिंडदानियों के बीच बुधवार को विदेशी पिंडदानियों के एक दल ने गया श्राद्ध किया। गया जी रबर डैम के पास संगत घाट पर बुधवार की सुबह जर्मनी से आए 12 पिंडदानियों ने अपने पुत्र, पति और पूर्वजों की मोक्ष के लिए पिंडदान किया।

Foreigners are also doing Tarpan in Gaya 11 women from Germany performed  Pinda Daan for the salvation of their loved ones - विदेशी भी कर रहे गया में  तर्पण, जर्मनी की 11

विदेशी महिलाओं ने कहा कि वे यहां मन की शांति के लिए आयीं थी। उन्हें यहां पूरी सुरक्षा व्यवस्था मिली है। 12 विदेशियों के जत्थे में 11 जर्मन महिलाएं और एक पुरुष हैं। सभी विदेशी महिलाएं सनातनी परंपरा के अनुसार  इस मौके पर साड़ी पहनी और पूरे विधान के साथ पिंडदान कीं। 11 महिलाओं में एक ने पुत्र और दो ने अपने पति के लिए पिंडदान किया। शेष महिलाओं और एक पुरुष ने अपने माता-पिता सास ससुर और अन्य पूर्वजों के लिए कर्मकांड किया।

फल्गु घाट पर पिंडदानियों ने  एक दिनी गया श्राद्ध के तहत फल्गु, विष्णुपद और अक्षयवट का विधि विधान किया। करीब तीन घंटे के विधान में फल्गु तर्पण के बाद संगत घाट धूप के बीच बैठकर श्राद्ध कर्म किये। पिंडदान के बाद सभी महिलाओं ने बारी – बारी से फल्गु में पिंड छोड़े। इसके बाद घाट से विष्णुपद मंदिर पहुँचें। यहां गर्भगृह में श्री विष्णुचरण पर पिंड अर्पित के पुत्र, पति और पितरों के मोक्ष की कामना की। साथ आये आचार्य लोकनाथ गौड़ ने विधिवत  पिंडदान कराया।

 

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