पटना: नीतीश कुमार भले दो बार भाजपा नित NDA गठबंधन से अलग रास्ता तलाश कर राज्य की सत्ता पर काबिज हुए हैं और राजद के साथ दोनों बार साझेदारी में सरकार चलाई हो. लेकिन, राजभवन से उनका संबंध हमेशा मधुर ही रहा है. केंद्र की सत्ताधारी भाजपा ने जब रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के तौर पर मैदान में उतारा था तब भी नीतीश कुमार ने बिहार के राज्यपाल की कुर्सी संभाल चुके रामनाथ कोविंद का भरपूर समर्थन किया था।
नीतीश कुमार के साथ रामनाथ कोविंद के संबंधे उनके राजभवन में रहते बहुत बेहतर रहे. नीतीश कुमार तो यह तक दावा करते रहे कि रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाने का सुझाव उन्होंने पीएम मोदी को दिया था। ऐसे में अब जब पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का बिहार दौरा हुआ तो नीतीश कुमार उनसे मिलने राजभवन चले आए. यहां अभी बिहार के वर्तमान राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर से भी उनकी मुलाकात हुई।
राजगीर स्थित नालंदा विश्वविद्यालय के वैशाली फेस्टिवल ऑफ डेमोक्रेसी कार्यक्रम में हिस्सा लेने रामनाथ कोविंद बिहार के दौरे पर आए हैं। इस कार्यक्रम में उनके अलावा बिहार के राज्यपाल राजेंद्र आर्लेंकर, 9 देशों के 19 प्रतिनिधि, कई देशों को राजदूत, उच्चायुक्त और साथ ही असम के सीएम हेमंत विस्वा सरमा भी शामिल हुए थे।
याद होगा कि 2017 में नीतीश कुमार ने जब बिहार में राजद गठबंधन से हाथ छुड़ाया था तब बिहार के राजभवन में राज्यपाल के तौर पर रामनाथ कोविंद ही थे. तब नीतीश कुमार ने पूरे काम को बड़ी आसानी से मैनेज कर लिया था. अब ऐसे में नीतीश कुमार के इस अचानक मुलाकात को भी बिहार में सियासी चश्मे से देखा जाने लगा है. दरअसल केंद्र की मोदी सरकार ने देश में वन नेशन, वन इलेक्शन के लिए कमेटी बनाई है और पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद इसकी अगुवाई कर रहे हैं. ऐसे में इस वन नेशन, वन इलेक्शन कमेटी के गठन के बाद रामनाथ कोविंद का यह पहला बिहार दौरा था. ऐसे में यह मुलाकात और भी चर्चा का विषय है. हालांकि नीतीश कुमार और रामनाथ कोविंद की राजभवन में मुलाकात के दौरान सीएम ने पूर्व राष्ट्रपति को शॉल भेंट कर सम्मानित किया और इस मुलाकात में क्या बातें हुई यह तो पता नहीं चल पाई लेकिन बिहार में सियासी कानाफूसी जरूर इस मुलाकात के बाद शुरू हो गई है.
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