बिहार: सावन का महीना खत्म हो चुका है। सावन खत्म होते ही लोग नॉनवेज खाने पर टूट पड़े हैं। बाजारों में मीट, मछली एवं मांस-मुर्गा की दुकानों पर जमकर भीड़ उमड़ रही है। करीब दो महीने से मंद पड़े इस धंधे में अचानक उछाल आ गया है। बता दें कि हिंदू धर्म में अधिकतर लोग सावन के महीने में मांस-मछली का सेवन नहीं करते हैं। इस साल अधिक मास यानी मलमास होने के कारण दो महीने सावन रहा। इस कारण लोगों को इस बार नॉनवेज से ज्यादा समय दूरी बनाए रखी।
सावन का महीना खत्म होते ही शुक्रवार सुबह से बाजारों में मीट, मछली और मुर्गा की दुकानों में जमकर बिक्री हो रही है। बांका जिले के पंजवारा बाजार में मुर्गा, बकरे और मछली की दुकानों पर भीड़ लगी है। सावन के महीने में सावन के महीने में अधिकांश घरों में मांस-मछली व मुर्गा खाना बंद हो जाता है। अब सावन खत्म होते ही बाजार क्षेत्र के विभिन्न मीट,मछली की दुकानों पर भीड़ लगनी शुरु हो गई है।
इस बार लंबा खींच गया इंतजार
अधिक मास के चलते इस बार सावन दो महीने रहा। इस कारण लोगों को नॉन वेज खाने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ा। बिहार में बड़ी संख्या में लोग मीट, मछली और चिकन का सेवन करते हैं। मीट भात, मछली भात यहां का प्रमुख नॉनवेज भोजन है। हालांकि, सावन के महीने में लोग बड़ी संख्या में भोले बाबा के भक्त नॉनवेज से दूरी बनाकर रखते हैं। इस दौरान घरों में भी मांस-मछली नहीं पकते हैं।
Be First to Comment