श्रावणी मेला 2023: सावन का पवित्र महीना चल रहा है और आज श्रावण माह की अंतिम सोमवारी है। आज अंतिम सोमवारी के दिन त्रयोदशी का भी योग है. ऐसे में देवघर में आस्था का जन सैलाब उमड़ गया है. आज अहले सुबह से ही कांवरिया कतार में लगकर अपनी बारी का इंतजार करते हुए नजर आए।
वहीं बाबा बैद्यनाथ मंदिर के कपाट आज सुबह 3:05 बजे खोले गये. उसके बाद सरदारी पूजा होने के बाद आम कांवरियों के लिए सुबह 4:00 बजे जलार्पण शुरू कर दिया गया. जलार्पण शुरू होते ही देवघर बाबा बैद्यनाथ मंदिर परिसर में लगे बाहरी अरघा के माध्यम से कांवरिया जल अर्पण करते दिखे. कांवरियों में काफी उत्साह देखा जा रहा था। अपने आराध्य देव को जल अर्पण करने के बाद, कहा जाता है कि सावन की सोमवारी में बाबा बैद्यनाथ को गंगाजल और बेलपत्र अर्पण करने से मनवांछित फल की प्राप्ति होती है।
सावन के महीने में शिवलिंग का जलाभिषेक और रुद्राभिषेक का विशेष महत्व होता है. पूरे सावन महीने के दौरान हर दिन शिवजी की पूजा-उपासना करने पर सभी तरह की मनोकामना जल्दी पूरी होती हैं. मान्यता है कि सावन के महीने ही मां पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए कठोर तप किया था जिससे भगवान शिव प्रसन्न होकर मां पार्वती को पत्नी के रूप में स्वीकार किया था. बता दें इस बार दो महीने का सावन है. मलमास के कारण सावन दो महीने का हुआ है. इस वर्ष दो महीने में लाखों श्रद्धालु कांवड़ यात्रा करेंगे. सुलतानगंज नमामि गंगे घाट, मेला क्षेत्र , कांवड़ियों पथ पर जिला प्रशासन की ओर से की गई व्यवस्था से कांवड़िया श्रद्धालु खुश हैं।
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