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“अपन रेल पाठशाला” रेलवे स्टेशन पर भटकने वाले जरूरतमंद बच्चों का संवरेगा भविष्य

मुजफ्फरपुर: बिहार में कई बार रेलवे स्टेशन या सड़कों पर हमें गरीब बच्चे भटकते हुए नजर आते हैं. इन गरीब बच्चों के लिए रेलवे ने पहल की है। जंक्शन पर भटक रहे लावारिस बच्चों के लिए ‘अपन रेल पाठशाला’ खुलेगा। मुजफ्फरपुर रेल एसपी डॉक्टर कुमार आशीष ने बच्चों के लिए पहल की है. जीआरपी प्रभारी से जंक्शन पर भटकने वाले लावारिस बच्चों की सूची मांगी गई है. सूची मिलने व जगह चिह्नित होने के साथ ‘अपन रेल पाठशाला’ शुरू होगा।

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बच्चों की शिक्षा के लिए रेलवे ने प्रयास किया है। कहते है कि बच्चों को जिस ढ़ांचे में तैयार किया जाए. वह उसी तरह से हो जाते है. बच्चे अगर बुरी संगत में रहेंगे तो उनमें बुरे गुण का समागम होगा. वहीं अगर वह अच्छी संगति में रहेंगे तो उनमें अच्छा गुण समाहित होगा और वह अच्छे कर्म करेंगे. एक अच्छे इंसान बनेंगे. साथ ही वह अपने जीवन में अच्छा भी करेंगे. ऐसी ही सोच लेकर मुजफ्फरपुर रेल एसपी डॉ. कुमार आशीष जंक्शन के विभिन्न प्लेटफॉर्म पर भटक रहे लावारिस और गरीब बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा की पहल करने की तैयारी में जुट गए है.

 

इसकी कवायद भी उन्होंने अपने स्तर से शुरू कर दी है. जीआरपी प्रभारी दिनेश कुमार साहू को जंक्शन पर भटकने वाले लावारिस और गरीब बच्चों की सूची तैयार करने के लिए कहा गया है. ऐसा इसलिए किया गया है ताकि, स्टेशन पर ही एक ‘अपन रेल पाठशाला’ खोलकर उन्हें अच्छी तालिम दी जाए. उन्हें अच्छे रास्ते दिखाये जाये. मुजफ्फरपुर रेल एसपी डॉ. कुमार आशीष ने बताया कि बच्चों को बेसिक शिक्षा मिलनी चाहिए. यह उनका हक भी है. इनके अभिभावक नहीं है. इस वजह से यह भटक गये है. अब रेल पुलिस इनका अभिभावक बनेगी. उनको बेसिक तालिम देगी. बताया जाता है कि ‘अपन रेल पाठशाला’ की रेल एसपी ने रूपरेखा तय कर रखा है. बस जगह मिलते ही इसकी शुरूआत की जाएगी।

बताया जाता है कि डॉ. कुमार आशीष किशनगंज और मोतिहारी में अपनी प्रतिनियुक्ति के दौरान कई सामाजिक स्तर पर काम किया. थाने पर जनता दरवार और गरीब बच्चों के लिए शिक्षा का अलख जगाया. अब किशनगंज और मोतिहारी के बाद मुजफ्फरपुर रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म पर शिक्षा का अलख जागने की शुरुआत की गई है है।

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इधर, सिकंदरपुर स्थित श्मशान घाट परिसर में शहर के सुमित कुमार गरीब बच्चों को हर दिन नि:शुल्क शिक्षा दे रहे हैं. यहां श्मशान घाट में घुमने वाले बच्चों तालिम दी जा रही है. इससे उस इलाके का वातावरण भी बदला है. सुमित की पाठशाला में शहर के नामचीन लोग भी जाकर अपनी सेवा दे रहे हैं.

लोग रेलवे स्टेशन का इस्तेमाल ट्रेन के जरीए एक शहर से दूसरे शहर में जाने के लिए करते है. लेकिन, पटना जंक्शन पर भी प्लेटफार्म पर एक शिक्षा का मंदिर है. यहां गरीब परिवार के बच्चों को फ्री में पढ़ाया जाता है. रेलवे स्टेशन को शिक्षा का केंद्र पटना में सरकारी नौकरी की तैयारी करने में जुटे युवाओं ने बनाया है. यह शिक्षा को आगे बढ़ाने का और गरीब बच्चों के भविष्य को अच्छा करने का प्रयास कर रहे हैं. पटना जंक्शन के प्लेटफॉर्म संख्या-एक पर आसपास बच्चों को कुछ युवा पढ़ाते हैं. इन बच्चों में वह शामिल है, जो काफी गरीब है. ऐसे बच्चों को शिक्षित करने की जिम्मेदीरी युवाओं ने ली है.

इधर, मुजफ्फरपुर में अब एसपी डॉक्टर कुमार आशीष ने इन बच्चों की सूची मांगी है. ताकि, इन्हें शिक्षा दी जाए. जीआरपी प्रभारी से जंक्शन पर भटकने वाले लावारिस बच्चों की सूची ली जा रही है. रेल एसपी बच्चों की मुफ्त में शिक्षा देने की तैयारी में जुट गए है. बच्चों की मुफ्त में शिक्षा मिले इसके लिए रेल एसपी अपनी ओर से तैयारी कर रहे हैं. अब स्टेशन पर ही एक ‘अपन रेल पाठशाला’ खोलकर उन्हें अच्छी शिक्षा दी जाएगी. रेल एसपी के अनुसार बच्चों को बेसिक शिक्षा मिलनी चाहिए. रेल पुलिस अब गरीब बच्चों की अभिभावक बनेगी. बच्चों को बेसिक तालिम दिया जाएगा. बताया जाता है कि ‘अपन रेल पाठशाला’ की रेल एसपी ने रूपरेखा तय कर लिया है.

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