पटना: बिहार में नई शिक्षक भर्ती नियमावली के खिलाफ हो रहे विरोध के बीच नीतीश सरकार इस पर पुनर्विचार कर सकती है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को महागठबंधन विधायक दल की बैठक में कहा कि विधानमंडल के मॉनसून सत्र के बाद सभी दलों की बैठक बुलाई जाएगी, उसमें चर्चा की जाएगी। इस बैठक में नियोजित शिक्षकों को राज्य कर्मी का दर्जा दिलाने के लिए बीपीएससी की भर्ती परीक्षा में बैठने के फैसले के साथ ही डोमिसाइल नीति पर भी चर्चा की संभावना है। महागठबंधन में शामिल भाकपा माले, सीपीआई, सीपीएम ने सीएम नीतीश के सामने नई शिक्षक भर्ती नियमावली पर आपत्ति दर्ज कराई थी।
बिहार विधानमंडल का मॉनसून सत्र 14 जुलाई तक चलेगा। इसके बाद सीएम नीतीश शिक्षक भर्ती नियमावली पर चर्चा के लिए महागठबंधन की बैठक बुला सकते हैं। हालांकि, 17 और 18 जुलाई को बेंगलुरु में विपक्षी दलों की बैठक होने वाली है। ऐसे में यह बैठक विपक्ष की मीटिंग से पहले या बाद में भी हो सकती है।
नई शिक्षक भर्ती नियमावली का विरोध
नीतीश सरकार ने इस साल शिक्षक भर्ती नियमावली में संशोधन करते हुए सभी शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने का फैसला किया था। नए नियमों के मुताबिक पूर्व में नियोजित शिक्षकों को भी राज्यकर्मी का दर्जा पाने के लिए बीपीएससी की परीक्षा से गुजरना होगा। इसका नियोजित शिक्षक पिछले कुछ महीनों से विरोध कर रहे हैं। मंगलवार को भी राज्य भर के शिक्षकों ने पटना में विधानसभा घेराव का ऐलान किया है।
वहीं, नई शिक्षक भर्ती नियमावली को लेकर महागठबंधन में भी विरोधाभास नजर आ रहा है। जेडीयू-आरजेडी के सहयोगी वाम दलों ने नई नियमावली पर आपत्ति जताई है। इनका कहना है कि 2020 के विधानसभा चुनाव के दौरान महागठबंधन के घोषणा पत्र में बिना किसी शर्त के शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने का वादा किया था। ऐसे में नीतीश सरकार द्वारा लाई गई नई नियमावली इसके खिलाफ है।
डोमिसाइल नीति पर भी हो सकती है चर्चा
हाल ही में नीतीश कैबिनेट ने शिक्षक भर्ती नियमावली से डोमिसाइल नीति हटाने का फैसला लिया था। इसका भी शिक्षक अभ्यर्थी विरोध कर रहे हैं। इस संशोधन से दूसरे राज्यों के अभ्यर्थी भी अब बिहार में शिक्षक बन सकेंगे। स्थानीय अभ्यर्थियों का कहना है कि इससे उनका हक मारा जाएगा। सीएम नीतीश कुमार महागठबंधन की बैठक में इस पर भी चर्चा कर सकते हैं।
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