पटना: बिहार सरकार द्वारा शिक्षक भर्ती नियमावली में संशोधन कर डोमेसाइल नीति में बदलाव करने तथा शिक्षामंत्री द्वारा यह बयान देने कि यहाँ के युवा योग्य नहीं पर बिहार भर के शिक्षक अभ्यर्थियों में नाराजगी देखी जा रही है। शिक्षक नियमावली में हो रहे संशोधन से बिहार के शिक्षक एवं शिक्षक अभ्यर्थी नाराज हैं। सरकार ने शिक्षक संघों से बिना सहमति के ही नियमावली बनाई है। वहीं स्नातक ग्रेड शिक्षकों को मध्य विद्यालय में प्रोन्नति दे कर प्रधानाध्यापक बनाए। वहीं शिक्षक अभ्यर्थी नियमावली में संशोधन से नाराज हैं। रैली निकाल रहे अभ्यर्थियों नें सीएम नीतीश कुमार और शिक्षा मंत्री प्रो चंद्रशेखर के खिलाफ जमकर नारेबाजी की ।
इसकी एक झलक गुरुवार 29 जून को थरूहट का राजधानी माना जाने वाले पश्चिमी चंपारण के बगहा के हरनाटांड में देखने को मिली। स्थानीय थरूहट समाज के सीटेट, बीटेट और एसटेट उत्तीर्ण थारु, आदिवासी अभ्यर्थियों ने सरकार के इस संशोधन से नाराज होकर विरोध प्रदर्शन करते हुए रैली निकाली। अभ्यर्थियों का कहना है कि दूसरे राज्यों के अभ्यर्थियों को मौका देना बिहार के युवाओं के साथ सौतेलापन है। अभ्यर्थियों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर को जिम्मेवार बताते हुए नाराजगी व्यक्त किया।
रैली में शामिल अभ्यर्थियों ने कहा कि शिक्षामंत्री का बयान खेदजनक एवं बिहार के लिए अपमानजनक है। जिस बिहार से यूपीएससी, बीपीएससी टॉपर, आईएएस आईपीएस निकालते हैं। वहाँ के युवाओं को अयोग्य कह कर शिक्षामंत्री देश में बिहार का अपमान किया है। सरकार बिहारी युवाओं को रोजगार देने के अपने वादे से मुकर रही है। थरूहट के अभ्यर्थियों ने कहा कि यदि सरकार बिहार के युवाओं के हित में पुनः डोमेसाइल नीति को लागू नहीं करती तो सड़क से सदन तक चरणबद्घ आंदोलन होगा तथा आगामी चुनावों में सरकार को इसका खामियाजा भुगतना होगा।
अभ्यर्थियों ने कहा कि सरकार इस संशोधन को अविलंब वापस ले अन्यथा सड़क से सदन तक विरोध के लिए बाध्य होंगे।इस दौरान मुन्ना, सुरेंद्र, पवन, ओमनरायण, मुकेश, बिपिन, धर्मजीत, सुमन, रूबी, किरण, संध्या, मीरा आदि दर्जनों अभ्यर्थी उपस्थित रहे।
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