मोतिहारी, 28 अप्रैल। जिले में बढ़ती गर्मी के साथ चमकी के प्रभाव से बच्चों को बचाने के लिए आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आरबीएसके चिकित्सक,नर्स व अन्य स्वास्थ्य कर्मी मुश्तैदी से लगे हुए हैं। महादलित टोलों एवं विद्यालयों में घूम घूमकर प्रचार प्रसार कर लोगों चमकी के लक्षण व इससे बचने के लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है। वहीँ लोग अब चौपालों के द्वारा चमकी बुखार से बचाव के तरीके सीख रहे हैं।
जिले के डीभीडीसीओ डॉ शरत चन्द्र शर्मा ने बताया कि चमकी के मामले अधिक गर्मी और नमी के मौसम में मिलते हैं। चमकी बुखार से ग्रस्त मरीज का शरीर अचानक सख्त हो जाता और मस्तिष्क और शरीर में ऐंठन शुरू हो जाती है। , आम बोलचाल की भाषा में इसी ऐंठन को चमकी कहा जाता है। , एक से 15 साल तक के बच्चे इस बीमारी से ज्यादा प्रभावित होते हैं । इम्यूनिटी का कमजोर होना भी इसकी एक वजह हो सकता है। डॉ एस सी शर्मा ने कहा कि चमकी के मामलों में बिल्कुल भी देरी न करें। , तुरंत सरकारी अस्पताल लेकर आयें । सरकारी अस्पताल में निःशुल्क इलाज की सुविधाएं उपलब्ध हैं ।
महादलित टोलों एवं विद्यालयों में लग रहे हैं चौपाल:
चकिया के अनुमंडल अस्पताल अंतर्गत बैसहा पंचायत के महादलित बस्ती में एईएस/जेई के निरोधात्मक उपाय हेतु चौपाल का आयोजन किया गया। चकिया के दामोदरपुर मिडिल स्कूल में चौपाल का आयोजन किया गया। चकिया में चमकी जागरूकता अभियान का संचालन मुख्य रूप से बीसीएम, सीएचओ, भीबीडीएस, एएनएम के सहयोग से किया गया। जिसमें 80 से ज्यादा लोग उपस्थित हुए। दामोदरपुर मिडिल स्कूल में आयोजित चौपाल में सैकड़ों बच्चों को हाथों में लीफलेट देकर चमकी से बचने के उपाय बताए गए। वहीं सदर प्रखंड के लखौरा में मुसहरी टोला वार्ड नं 1 में लोगों को चमकी से बचाव के लिए मुसहर, महादलित टोलों, भीड़ भाड़ के क्षेत्रों, बाजारों, सामुदायिक स्थानों पर चौपाल का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें बच्चों का विशेष ध्यान रखने के लिए लगातार स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा जागरूक किया जा रहा है।
जागरूकता से मिल रहा है फायदा:
मोतिहारी सदर प्रखंड स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ श्रवण कुमार पासवान एवं स्वास्थ्य प्रबंधक संध्या कुमारी ने बताया कि लोगों को चमकी के प्रति जागरूक करने का फायदा यह है कि लोग इस बीमारी के लक्षण को अब जान, समझ रहे हैं। साथ ही इससे बचाव हेतु बच्चों की देखरेख कर रहे हैं। उन्होंने चौपाल में उपस्थित लोगों से भी अनुरोध किया कि वह अपने आसपास के बच्चों पर ध्यान दें तथा चौपाल में मिली जानकारी को ज्यादा से ज्यादा लोगों में फैलाएं।
चमकी से बचाव के उपाय:
केयर इंडिया की डीटीएल स्मिता सिंह ने बताया कि बढ़ रहे तापमान में चमकी /एईएस से बचाव के लिये अभिभावक अपने बच्चे को धूप से बचाएं। रात को किसी भी हालत में भूखे नहीं सोने दें। दिन में एक बार ओआरएस घोल जरूर पिलाएं। बच्चे को कच्चे फल नहीं खाने दें। बच्चा अगर घर में भी है तो घर की खिड़की व दरवाजा बंद नहीं करें। हवादार रहने दें। साफ सफाई पर ध्यान दें। अपने क्षेत्र की आशा, चिकित्सकों व नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र के नम्बर अपने पास रखें।
Be First to Comment