बिहार: बिहार में नगर निकाय चुनाव के दूसरे चरण का सियासी शोर आज शाम 5 बजे थम जाएगा। इस चरण में 68 नगर निकायों में मतदान 28 दिसंबर को सुबह 7 बजे से शाम 5 बजे तक होगा। पटना समेत बिहार के सभी 17 नगर निगमों के लिए भी मतदान 28 को ही होगा। इसके अलावा 2 नगर परिषद और 49 नगर पंचायत में भी वोटिंग होगी। 20 दिसंबर को वोटों की गिनती होगी।
पटना के महापौर और उपमहापौर समेत 75 वार्डों के पार्षद पद के लिए वोट डाले जाएंगे। पटना नगर निगम क्षेत्र में इसके लिए कुल 1893 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। इनमें 76 मतदान केंद्र चलंत हैं। जिलाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने बताया कि मतदान और मतगणना की सभी तैयारी पूरी कर ली गई है।
आदेश के बिना नहीं मिलेंगे चुनाव संबंधी कागज
निकाय चुनाव के तहत मतगणना के बाद चुनाव से संबंधित अभिलेख या कागजात रखने एवं सत्यापित प्रति उपलब्ध कराने को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग ने सभी जिलों के जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह जिलाधिकारी को विस्तृत निर्देश दिया है।
इसके तहत अगर कोई व्यक्ति चुनाव से संबंधित कागजात मांगता है तो न्यायालय या प्राधिकृत पदाधिकारी के आदेश के बिना चुनाव संबंधी कागजातों को खोलने या सत्यापित प्रति देना नियमानुकूल नहीं होगा। आयोग ने भविष्य में चुनाव से संबंधित कागजात की सत्यापित प्रति देने या व्यवहार न्यायालय में दाखिल चुनाव याचिका में जवाब देने हेतु या कागजात जमा करने हेतु पदाधिकारी को प्राधिकृत करने का निर्देश सभी जिलों को दिया है।
आयोग के अनुसार मतपत्र लेखा एवं पेपरसील लेखा से संबंधित कागजातों को अलग लिफाफा में रखा जाता है। सात तरह के पैकेट बनाए जाते हैं, जो स्टेच्यूरी पैकेट कहलाते हैं। इनमें मतदाता सूची की चिह्नित दो प्रतियां, मतदाता रजिस्टर, मतदाता पर्ची, अप्रयुक्त निविदत्त पत्रों का लिफाफा, प्रयुक्त निविदत्त मतपत्रों का लिफाफा और सूची, चुनौती दी जाने वाले मतपत्रों की सूची तथा अन्य ऐसे कागजात जिनके संबंध में निर्वाची पदाधिकारी ने यह निर्देश दिया हो कि वे सीलबंद पैकेट में रखे जाएंगे, वह शामिल है। आयोग के अनुसार चुनाव प्रक्रिया के विभिन्न कार्यों जैसे नामांकन पत्र, समीक्षा, नामांकन वापसी, मतदान प्रक्रिया आदि की वीडियोग्राफी, सीसीटीवी फुटेज एवं चुनाव खर्च का रिटर्न को जिला निर्वाचन पदाधिकारी (नगरपालिका) द्वारा प्राधिकृत पदाधिकारी की सुरक्षा में रखा जाना है। जबकि मतगणना से संबंधित सीडी निर्वाची पदाधिकारी से प्राधिकृत कर जिला निर्वाचन पदाधिकारी (नगरपालिका) की सुरक्षा में रखने के लिए भेजा जाएगा।
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