मुजफ्फरपुर: मिठनपुरा-बेला हाेते हुए राेहुआ तक जाे बायपास का प्रपाेजल बना था। वह तत्काल अधर में लटक गया है। इसके अलावा रामदयालु नगर-मधौल बायपास रोड के चाैड़ीकरण समेत जिन 16 सड़कों के चाैड़ीकरण, मजबूतीकरण व जीर्णाेद्वार काे लेकर जाे एक्शन प्लान इस साल पथ निर्माण विभाग ने भेजा था, उसमें एक भी प्लान को स्वीकृति नहीं मिल सकी है। ऐसी स्थिति में शहर के लाेगाें काे मिठनपुरा-बेला राेड में अभी लंबे समय तक हिचकाेले खाना हाेगा।
कदम-कदम पर गड्ढे में तब्दील इस सड़क के कायाकल्प काे लेकर पथ निर्माण विभाग ने जाे प्रपाेजल मुख्यालय काे भेजा था, उसे स्वीकृति नहीं मिल सकी है। मिठनपुरा-बेला के बहाने ही शहर काे नया बाइपास मिलने का रास्ता फिलहाल ठंडे बस्ते में चला गया है। मिठनपुरा-बेला राेड में कई प्रमुख संस्थान व माॅल हाेने की वजह से पथ निर्माण विभाग ने 21 मई काे एक्शन प्लान दूसरी बार भेजा था।
मिठनपुरा-बेला के बहाने ही हाजीपुर राेड में शहीद पेट्राेल पंप से गंडक काॅलोनी वन विभाग के दफ्तर अरण्य बिहार-शेरपुर हाेते हुए मिठनपुरा के रास्ते बेला-इमलीराेड से राेहुआ तक का प्रपाेजल था। इसकी लंबाई 7 किलाे मीटर आ रही है। मिठनपुरा से बेला हाेते हुए इमलीचाैक तक 12 साै मीटर सड़क में डिवाइडर का भी प्रपाेजल शामिल किया गया। लेकिन, इस बार मुजफ्फरपुर से भेजे गए किसी एक्शन प्रपोजल को मुख्यालय से स्वीकृति नहीं मिली है।
शहरी विकास याेजना से 5 साल पहले बनी थी 12 साै मीटर सड़क
बेला राेड निवासी एसकेएमसीएच के पूर्व अधीक्षक डाॅ. सुरेंद्र कुमार बताते है कि तकरीबन पांच साल पहले मिठनपुरा-बेला सड़क बनी थी। शहरी विकास याेजना मद से पूर्व कुलपति डाॅ. रिपुसूदन श्रीवास्तव की पहल पर यह सड़क बनी। लेकिन ज्यादा दिन नहीं टिक सकी। मिठनपुरा-बेला सड़क की हालत बदतर हाे गई है।
कई अन्य जिलों का प्लान भी ठंडे बस्ते में
मुजफ्फरपुर ही नहीं बाकी जिलों का भी एक्शन प्लान ठंडे बस्ते में ही है। पथ निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता ईं. अंजनी कुमार का कहना है कि एक्शन प्लान को स्वीकृति नहीं मिल सकी है।
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