पश्चिम चंपारण के वाल्मीकि नगर टाइगर रिज़र्व के इलाके में एक आदमखोर बाघ के खौ’फ से बगहा के लोग दह’शत में हैं। लगभग 10 महीनों में इस बाघ ने 5 लोगों को मा’र डाला। 15 दिन पहले भी आदमखोर जानवर खेत में काम कर रहे हैं किसान को गले से दबोच कर उठा ले गया जिसमें उसकी मौ’त हो गई।
स्थानीय लोगों की मांग पर वन विभाग आदमखोर बाघ को पकड़ने में पूरी ताकत झोंक चुका है लेकिन, 15 दिनों में अभी तक बाघ नहीं पकड़ा जा सका है। इसे देखते हुए वन विभाग ने आदमखोर जानवर को ट्रैप करने के लिए जाल बिछाया है। अब हाथी और भैंस की मदद से वन विभाग के ट्रेंड कर्मी बाघ को कब्जे में लेने की कोशिश में जुट गए हैं।
बाघ को पकड़ने के लिए 4 हाथियों पर सवार होकर एक्सपर्ट की टीम वन में उतर चुकी है। टीम में 60 फॉरेस्ट गार्ड, 5 वैन, 4 जाल, दो ट्रेंक्यूलाइजर, दो ट्रैक्टर 40 सीसीटीवी और एक ड्रोन कैमरे को लगाया गया है।
अभियान के दौरान बाघ को चोट न पहुंचे इसके लिए मेडिकल एक्सपर्ट को तैनात किया गया है। आदमखोर बाघ बार-बार अपना ठिकाना बदल रहा है। इसे देखते हुए बाघ को भैंस के रूप में शि’कार दिखाकर पकड़ने की रणनीति बनाई गई है। ट्रेंक्यूलाइजर गन लेकर शूटर तैनात हैं। चारों हाथियों की मदद से छिपकर बाघ और भैंसे की गतिविधि पर नजर रखी जा रही है। प्लान के अनुसार भैंस का शिकार करने के लिए बाघ जैसे ही इलाके में आएगा, एक्सपर्ट उसे बेहोश कर देंगे। फिर जाल की मदद से उसे बात को पकड़ लिया जाएगा।
बाघ पर निगरानी के लिए सीसीटीवी और टेलिस्कोप से नजर रखी जा रही है। चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन पीके गुप्ता के नेतृत्व में यहां आपरेशन चल रहा है जिसमें वेटरनरी डॉक्टर समरेंद्र कुमार। इकोलॉजी के डायरेक्टर सुरेंद्र सिंह भी शामिल हैं। लोगों को उम्मीद है कि इस बार बार को पकड़ लिया जाएगा और उसे दूर ले जाकर छोड़ दिया जाएगा।
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