काशी विश्वनाथ मंदिर के चढ़ावे में घालमेल करने के मामले में जांच शुरू हो गई है। मंडलायुक्त के निर्देश पर डीएम कौशल राज शर्मा जांच के लिए विश्वनाथ न्यास कार्यालय पहुंचे तो आरोपित कर्मचारी नहीं मिले। उनका ब्योरा तलब किया तो वह भी उपलब्ध नहीं हो सका है। डीएम ने दोनों को कहीं और तैनात करने का निर्देश दिया है।
जिलाधिकारी ने बताया कि मंदिर कार्यालय का निरीक्षण किया गया है। इस दौरान जांच के संदर्भ में फाइलें मांगी गई, लेकिन वे उपलब्ध नहीं हो पाईं। मंदिर प्रशासन ने बताया गया कि पांच व छह वर्ष पुरानी कई फाइलें नदारद हैं। उसमें आरो’पित बाबुओं से सम्बंधित पत्रावलियां भी थीं। फाइलें गुम होने पर उन्होंने मंदिर कार्यालय की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए नाराजगी जताई।
डीएम ने बताया है कि दोनों आरो’पितों को दूसरे विभागों में सम्बद्ध किया जाएगा। क्योंकि यहां तैनात रहने से जांच प्रभावित होने की आशंका जताई जा चुकी है। विश्वनाथ मंदिर न्यास कार्यालय में तैनात वरिष्ठ लिपिक अरुण कुमार मिश्र, लिपिक संजय चतुर्वेदी और निलम्बित कम्प्यूटर सहायक शिवभूषण द्विवेदी के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायतें मिली थीं।
कम्प्यूटर सहायक शिवभूषण द्विवेदी के खिलाफ मनीआर्डर के चढ़ावे के घालमेल में मंदिर प्रशासन ने चौक थाने में मुकदमा भी दर्ज कराया है। तबसे वह निलम्बित भी है।
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