कहते हैं प्रतिभा कभी भी परिस्थितियों की मोहताज नहीं होती हैं. गरीबी हो; कच्चे मकान हों या खपरैल के घर, सच्ची लगन हो, हौसला बुलंद हो और मंजिल पा लेने की ललक हो तो प्रतिभा निखर कर सामने आ ही जाती है. वह अपनी पहचान भी स्वत: बना लेती है.
जमुई जिले के सदर प्रखंड के थेगुआ गांव में ऐसी ही प्रतिभा अपनी हुनर बिखेरने को आतुर है. दरअसल, गांव में पल बढ़ रही 7वीं क्लास की छात्रा कुमकुम अपनी मधुर आवाज के कारण पहचान बनाने लगी है. इसे केवल प्रोत्साहन की जरूरत महसूस की जा रही है.
सरकारी स्कूल में पढ़ने वाली गरीब परिवार की 11 वर्ष की बेटी कुमकुम कुमारी को लोग आवाज की जादूगरनी कहने लगे हैं. किसी दूसरे का ट्रक चलाने वाले गरीब पिता की बेटी सिंगर बनना चाहती है. यही कारण है कि यू ट्यूब पर गाना सीख कर कुमकुम कुमारी देशभक्ति गीत गा रही है.
आजादी के अमृत महोत्सव के दौरान कुमकुम अपने स्कूल के बच्चों और शिक्षकों को अपनी मधुर आवाज में देश भक्ति गीत सुनाई; तभी से अपनी आवाज के कारण इस बच्ची की इलाके में पहचान बनने लगी है.
दरअसल, कुमकुम बालपन से ही गीत गाने का शौक रखती है और यही कारण है कि घर हो या बाहर; हमेशा वह कुछ न कुछ गुनगुनाती रहती है. गुनगुनाने की आदत समय के साथ बढ़ गई. अब वह कई तरह के गीत; चाहे फिल्मी हो या देश भक्ति अपनी मधुर आवाज लोगों को सुनने को मजबूर कर देती है.
अभी आजादी का 75 साल पूरा होने पर अमृत महोत्सव के दौरान उत्क्रमित मध्य विद्यालय थेगुआ में इसी स्कूल की छात्रा कुमकुम ने देश भक्ति गीत जब सुनाया तो लोग दंग रह गए. इतनी छोटी बच्ची की आवाज में इतनी खनक, इतना कर्णप्रिय! फिर क्या उसके गाने का वीडियो कुछ लोगों ने सोशल मीडिया में डाल दिया जिसके बाद कुमकुम वायरल होने लगी है.
कुमकुम सिंगर बनना चाहती है इसीलिए वह इंटरनेट के माध्यम से सिंगिंग सीख रही है. पढ़ाई के साथ वह गायिकी की ट्रेनिंग यू ट्यूब से लेती है.
प्रतिभावान कुमकुम के शिक्षक राजीव रंजन का कहना है कि इस बच्ची की आवाज में जादू है; जरूरत है इसकी प्रतिभा को आगे बढ़ाने की. वहीं, इसके पिता सुनील यादव ट्रक ड्राइवर हैं. इनकी मानें तो वह भी चाहते हैं कि उनकी बेटी गायिका बने. गरीबी के बावजूद भी जो संभव होगा वो करेंगे.
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