पूर्णिया जिले के केनगर थाना क्षेत्र अंतर्गत रामनगर गांव में शुक्रवार को मंदिर के पुजारी को एक जह’रीले सांप ने डं’स लिया। पुजारी को अस्पताल नहीं पहुंचा कर ग्रामीण ओझा धामी से झारफूक कराने लगा।
घंटो भर झारफूक करने के बाद भी जब ठीक नहीं हुए और पुजारी की स्थिति सुधरने के जगह बि’गड़ते ही गया तो ग्रामीणों ने पुजारी को मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंचाया। लेकिन तब तक काफी देर हो चुका था। पुजारी ने इलाज के दौरान ही दम तोड़ दिया।
मृतक की पहचान केनगर थाना क्षेत्र अंतर्गत रामनगर गांव के रहने वाले राजाराम यादव (65 वर्ष) के रूप में हुई है। पुलिस ने श’व को पो’स्टमार्टम के लिए मेडिकल कॉलेज भेज दिया। वह गांव के ही मंदिर में पुजारी का काम करते थे। मौ’त की सूचना मिलते ही परिवार में कोहराम मच गया।
बताया जा रहा है कि पुजारी राजाराम चाय बनाने के लिए मंदिर के पीछे जलावन लाने के लिए गाय था। उसने जैसे ही जलावन उठाया कि पहले से ही वहां बैठे एक विषधारी सांप ने हाथ में डंस लिया और वह जोर जोर से चिखने चिल्लाने लगे।
आवाज सुनकर वहां लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई। लोग पुजारी को अस्पताल ले जाने के बजाय ओझा धामी से झारफूक कराने लगे। तब तक सांप के विष उसके पूरे शरीर में फैल गया और पुजारी की मौ’त हो गई।
मेडिकल कॉलेज अस्पताल के डाॅ ए अहद ने बताया कि सर्पदंश के शिकार हुए व्यक्ति को डंसे हुए जगह से उपर करीब 3 से 4 जगह किसी पतले रस्सी से बांध देनी चाहिए। ताकि जहर उपर शरीर तक नहीं फैल सकें। उसके बाद किसी भी सरकारी अस्पताल में बिना देरी किए हुए पहुंचाना चाहिए। सर्पदंश के एक घंटे के अंदर इलाज होने पर व्यक्ति को बचाया जा सकता है। देरी होने पर जहर पूरे शरीर में फैल जाता है और वैसे व्यक्ति को बचाना मुश्किल है।
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