प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को नई संसद की इमारत की छत पर राष्ट्रीय प्रतीक अशोक स्तंभ का उद्घाटन किया। यह एंब्लेम कांसे का बना है और इसका वजन 9500 किलोग्राम है।
इसकी ऊंचाई 6.5 मीटर है। इस साल के आखिरी तक संसद की नई इमारत खुल सकती है। इससे पहले अशोक स्तंभ के उद्घाटन को बड़ा कदम माना जा रहा है। कहा जा रहा है कि इस साल संसद का शीत सत्र नई इमारत में होगा।
इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ, लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला, राज्य सभा के डिप्टी चेयरमैन हरिवंश और शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी पहुंचे थे। उद्घाटन के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने उन मजदूरों से भी बात की जो इस इमारत को बनाने में लगे हुए हैं। मोदी ने मजदूरों से कहा कि उन्हें अपने इस काम पर गर्व होना चाहिए क्योंकि वे देश के गौरव के लिए अपना योगदान दे रहे हैं।
पीएम मोदी ने पूछा, आप लोगों को क्या लगता है, इमारत बना रहे हैं कि इतिहास बना रहे हैं? मजदूरों ने जवाब दिया कि इतिहास बना रहे हैं। इसपर मोदी ने कहा, बड़े जागरूक हो भाई।
इसके बाद प्रधानमंत्री ने पूछा, आपको काम करते हुए कैसा लगता है। क्या घर बनाने में और इस इमारत को बनाने में कोई फर्क है? मजदूरों ने जवाब दिया कि घर वाले पूछते हैं कि काम कैसा चल रहा है। इसके बाद पीएम ने मजदूरों से राशन के बारे में भी पूछा। उन्होंने कहा कि क्या उनका वन नेशन वन राशन वाला कार्ड बना है? सबने हां में जवाब दिया।
एक मजदूर ने पीएम मोदी से कहा, जैसे सबरी मां से मिलने भगवान राम गए थे वैसे ही आप हमारी कुटिया में आए हैं तो बहुत अच्छा लग रहा है।
इसपर प्रधानमंत्री ने कहा, वाह, वाह, यह तु्म्हारी कुटिया है। देश के हर गरीब को लगना चाहिए कि यह उनकी कुटिया है। प्रधानमंत्री ने कहा, आप लोगों ने हमारा उत्साह बढ़ा दिया है। आपने समय पर काम किया है। आपने कोरोना नियमों का भी पालन किया है।
मोदी ने मजदूरों से कोरोना वैक्सीन के बारे में भी पूछा। इसके बाद मजदूरों के परिवारों के लिए शुभकामना दी और कहा कि आपको यह काम करते हुए गर्व होना चाहिए कि आप देश का गौरव बढ़ा रहे हैं।
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