मामला किशनगंज से सटे पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी के रंगापानी इलाके का है। यहां सोमवार को एक अजीब घ’टना देखने को मिली। इसको देखकर हर कोई आश्चर्यचकित है। दरअसल, यहां एक शख्स ने पुतले के शक्ल में सजा कर अपनी मां की श’व यात्रा निकाली। बाद में उसी पुतले का अंतिम सं’स्कार भी किया गया। घ’टना के बारे में बताया जा रहा है कि यहां पर एक परिवार ने 15 साल पहले लापता अपनी मां का हिंदू रीति रिवाज से अंतिम सं’स्कार किया। ऐसी घ’टना बहुत कम देखने को मिलती है इसलिए लोग अचंभित हैं।
गांव वालों ने और परिवार के लोगों ने बताया कि आज से 15 साल पहले सावित्री चौधरी घर से निकली थी और उसके बाद फिर वह घर नहीं लौटी। 15 सालों से सावित्री चौधरी लापता हैं। गांव वालों का ऐसा मानना है कि 12 साल से अधिक अगर कोई व्यक्ति लापता रहता है तो उसे मृ’त मानकर उसका अंतिम सं’स्कार किया जा सकता है।
यही वजह है कि सोमवार को गांव वालों की सलाह पर लापता सावित्री चौधरी के बेटों ने अपने मां के रूप में एक पुतले को बहुत ही सुंदर ढंग से सजा धजा कर अंतिम यात्रा निकाली और 15 साल पहले लापता हुई अपनी माता का सम्पूर्ण विधि विधान से अंतिम संस्कार किया।
अं’तिम सं’स्कार में गांव के लोगों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। ऐसी घटनाएं बहुत कम देखने को मिलती हैं। आज के शिक्षित समाज में इस तरह की घट’नाएं कई सवाल पैदा करता है, लेकिन धर्म और आस्था के आगे किसी का नहीं चलता हैं।
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