कोरोना वायरस की तीसरी लहर देश में हर तरफ फैल गयी हैं। जिसकी चपेट में आए-दिन लोग आ रहे हैं। राजधानी दिल्ली के अस्पतालों में भी स्वास्थ्य कर्मी लगातार संक्रमण की चपेट में आ रहे हैं। लगभग हर सरकारी अस्पताल में संक्रमण की वजह से स्टाफ की कमी चल रही है।मिली जानकारी के अनुसार, दिल्ली के 15 अस्पतालों में ही तीन हजार से ज्यादा स्वास्थ्यकर्मी संक्रमित हो चुके हैं। इनमें लगभग आधे डॉक्टर शामिल हैं। दिल्ली एम्स में ही अब तक 800 से अधिक स्वास्थ्यकर्मी संक्रमित हुए हैं जिनमें 200 से अधिक डॉक्टर हैं। सफदरजंग अस्पताल में 350 स्वास्थ्यकर्मियों में 165 डॉक्टर आरएमएल में 321 में से 154 और लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज में 285 में से 112 डॉक्टर संक्रमित हुए हैं।
खबरों के मुताबिक, इसी तरह लोक नायक अस्पताल में 52, जीटीबी में 61, डीडीयू में 18, रोहिणी स्थित डॉ. भीमराव अंबेडकर अस्पताल में 24, दीपचंद बंधु अस्पताल में 16, डॉ. हेडगेवार में 8, चाचा नेहरू अस्पताल में 18 डॉक्टर संक्रमित हो चुके हैं। वहीं दिल्ली स्टेट कैंसर इंस्टिट्यूट में 45 से अधिक, जबकि जीबी पंत अस्पताल में करीब 65 स्वास्थ्यकर्मी चपेट में आए हैं। इसी तरह उत्तरी दिल्ली नगर निगम के हिंदूराव मेडिकल कॉलेज में 112 अब तक संक्रमित हुए हैं।
फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन (फेमा) के अध्यक्ष डॉ. राकेश बागड़ी द्वारा बताया गया कि पहले डॉक्टरों के लिए 14 दिन की कोविड ड्यूटी और फिर उसके बाद 14 दिन का क्वारंटाइन होता था। इसके अलावा अगर कोई संक्रमित आ जाए तो उसके संपर्क में आने वालों को भी क्वारंटाइन करना होता था। इस बार सरकार ने नियमों में बदलाव किए हैं।
कोविड ड्यूटी करने के बाद उन्हें कम से कम कुछ समय के लिए खुद को क्वारंटाइन करने की अनुमति होनी चाहिए। साथ ही स्वास्थ्यकर्मी के लिए रहने की व्यवस्था हो, क्योंकि उन्हें डर है कि मौजूदा कोविड लहर में बहुत ऊंची संक्रमण होने की वजह से, ये फैलकर उनके परिवारों तक पहुंच जाएगी।
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